Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Jul, 2019 08:42 AM
लोकसभा में यू.टी. कैडर के अफसरों को लेकर पंजाब के खडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह गिल ने सवाल उठाए हैं।
चंडीगढ़(साजन) : लोकसभा में यू.टी. कैडर के अफसरों को लेकर पंजाब के खडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह गिल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने न केवल संसद की अनुमति के बगैर अपने स्तर पर ही यू.टी. कैडर बना लिया है, बल्कि यहां तैनात अफसरों को भी मनमर्जी से कई कई साल से पोस्टों पर रखा हुआ है। यू.टी. कैडर को तुरंत समाप्त किया जाए क्योंकि यह पूरी तरह से गैर कानूनी है क्योंकि इसे संसद की मंजूरी नहीं मिली है।
कांग्रेस के सांसद जसबीर सिंह गिल ने संसद में यू.टी. कैडर के अफसरों को लेकर मामला उठाया है। री-आर्गेनाइजेशन एक्ट आफ पंजाब (जिसमें पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश इक्ठ्ठे हुआ करते थे) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में जो भी प्रशासनिक पोस्टें थी, उसमें पंजाब और हरियाणा की हिस्सेदारी रखने पर सहमति बनी थी, लेकिन संसद की बिना अनुमति के चंडीगढ़ प्रशासन ने अपने स्तर पर ही यू.टी. कैडर का गठन कर लिया और वहीं से अफसरों की तैनाती मुख्य पोस्टों पर शुरू कर दी जो बिलकुल ही गैर कानूनी है।
यू.टी. के अफसरों को हटाकर पंजाब-हरियाणा के अफसरों की तैनाती हो :
गिल ने कहा कि यू.टी. कैडर के अफसर जहां-जहां भी तैनात हैं, उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए और इनकी जगह पंजाब और हरियाणा के अफसरों की जो तय हुआ था उसके अनुसार तैनाती की जानी चाहिए।
सैंट्रल विजिलैंस कमीशन का हवाला देते हुए जसबीर सिंह गिल ने कहा कि सी.वी.सी. ने संस्तुति की थी कि पब्लिक डीलिंग की जो भी प्रशासनिक पोस्टें हैं उन पर तीन साल से ज्यादा की तैनाती नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके चंडीगढ़ प्रशासन तीन साल से ज्यादा, पांच-पांच साल तक भी एक एक पोस्ट पर अफसरों की तैनाती कर रहा है।
उन्होंने अपने संबोधन में चीफ इंजीनियर और चीफ आर्कीटेक्ट की पोस्ट का खासतौर से हवाला देते हुए कहा कि इन अफसरों के आफिस जबरदस्त तरीके से भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। इनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए। उन्होंने तुरंत प्रभाव से यूटी कैडर को समाप्त कर इसकी जगह पंजाब और हरियाणा से मुख्य प्रशासनिक पोस्टों को भरने की मांग लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला से की है।