किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले गिरोह के आरोपियों को पकडऩे में नाकाम रही सारंगपुर पुलिस

Edited By Priyanka rana,Updated: 30 Dec, 2019 11:07 AM

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मणिपुर के लोगों को झांसा देकर किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले गिरोह के सरगना टिथोग्बा समेत तीन आरोपियों को पकडऩे में सारंगपुर थाना पुलिस नाकाम साबित हुई है।

चंडीगढ़(सुशील) : मणिपुर के लोगों को झांसा देकर किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले गिरोह के सरगना टिथोग्बा समेत तीन आरोपियों को पकडऩे में सारंगपुर थाना पुलिस नाकाम साबित हुई है। चंडीगढ़ पुलिस ने मामले में महिला ईबोम को गिरफ्तार करने के बाद वाहवाही लूटी थी। 

मामले को चार महीने बीत जाने के बाद पुलिस गिरोह के सरगना समेत तीनों आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा पाई। पकड़ी गई महिला ने आरोपियों के नाम और ठिकानों की जानकारी पुलिस को मुहैया भी करवा दी थी। चंडीगढ़ पुलिस की टीम पीड़ित महिला को छोडऩे मणिपुर गई थी। मणिपुर में जाने के बाद भी पुलिस को गिरोह के सरगना का कुछ पता नहीं चल पाया। अब मामला फाइलों में दबकर ही रह जाएगा।  

यह है मामला :
30 अगस्त को वूमैन एड चाइल्ड हैल्पलाइन को सूचना मिली थी कि मणिपुर निवासी टॉकचोम की किडनी किसी के साथ धोखाधड़ी से बदली जा रही है। टीम ने मौके पर पहुंचकर पीड़िता से संपर्क किया था। सदस्यों को महिला के पास किडनी बदलने के कागजात और जाली एफिडेवेट मिले थे। जिसमें लिखवा दिया कि  वह अपनी  मर्जी से किडनी डोनेट कर रही है। फर्जी एफिडेविट भी तैयार किए गए। इसमें किडनी लेने वाले को महिला का पति बनाया गया। 

पुलिस जांच में आया कि मणिपुर से गरीब लोगों को झांसा देकर गिरोह का सरगना टिथोग्बा बीस लाख रुपए लेकर किडनी बदलवाता था। इसका साथ सुरजीत और गुरूग देते थे। रकम का हिस्सा सभी को बराबर बांटा जाता था। पी.जी.आई. में वर्ष 2019 में मणिपुर के सात दंपति की किड़नी ट्रांसप्लांट हुई थी। सारंगपुर थाना पुलिस ने पांच सितम्बर को अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया था। 

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