Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Sep, 2019 10:34 AM
मनुष्य गलतियों का पुतला है। मानव जाने-अनजाने में कई गलतियों कर बैठता है, जिसका उसे अहसास भी होता है।
चंडीगढ़(पाल) : मनुष्य गलतियों का पुतला है। मानव जाने-अनजाने में कई गलतियों कर बैठता है, जिसका उसे अहसास भी होता है। जैन समाज के वार्षिक आयोजन सामूहिक क्षमावाणी पर्व जैसे कार्यक्रम सालाना ही नहीं बल्कि मासिक आधार पर होने चाहिए ताकि गलतियों से पैदा हो रहे मनमुटाव को मिटाकर भाईचारा मजबूत किया जा सके।
यह बात रविवार को सांसद किरण खेर ने स्थानीय दिगम्बर जैन मंदिर, सैक्टर 27 बी में आयोजित सामाजिक क्षमावाणी पर्व के उपलक्ष्य में अपने संबोधन में कही। उन्होंने अपने द्वारा जाने-अनजाने में की गई गलतियों के लिए सार्वाजनिक तौर पर माफी भी मांगी।
ट्राईसिटी की जैन समाज की संस्थाओं की रही सहभागिता :
जैन धर्म की दिगम्बर आमना के दस लक्षण पर्व की समाप्ति पर उत्तम क्षमा धर्म को निभाते हुए ट्राईसिटी की जैन समाज की सभी संस्थाओं की सहभागिता से श्री दिगम्बर जैन सोसायटी द्वारा सामूहिक क्षमावाणी पर्व का आयोजन किया गया।
स्थानक प्रेरिका जैन साध्वी श्रुति महाराज ठाणे व आचार्य विराग सागर महाराज के सुशिष्य विशलय भारती, ब्रह्मचारिणी अलका दीदी के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। पार्षद देवेंद्र सिंह बदला, राष्ट्रीय सेवा संघ के त्रिलोकीनाथ, राजेंद्र जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आई.ए.एस. अभिषेक जैन ने भी कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में हिस्सा लिया।
क्षमा वाणी के महत्व को समझें और जीवन में उतार लें :
जैन साध्वी श्रुति महाराज ने क्षमावाणी पर्व पर प्रकाश डाला और बताया कि जैन धर्म में क्षमावाणी पर्व का बहुत महत्व है। इस दिन सभी लोग अपने द्वारा जाने-अनजाने में की गई गलतियों या भूल के लिए क्षमा याचना करते हैं। ब्रह्मचारी विशलय भारती ने जैन धर्म के 10 लक्षण उत्तम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इन धर्मों का पालन करके मनुष्य अपने जीवन को सही मायने में जी सकता है और धर्म लाभ प्राप्त कर सकता है।
इससे पूर्व श्री दिगम्बर जैन सोसायटी द्वारा सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया। सोसायटी के प्रवक्ता कैलाश चंद जैन, प्रधान धर्मबहादुर जैन, महामंत्री संत कुमार जैन ने बताया की चंडीगढ़ में सामूहिक क्षमावाणी का आयोजन पहली बार किया जा रहा है। अगर हम क्षमा वाणी के महत्व को समझें और क्षमा को अपने जीवन में उतार लें तो आधी से ज्यादा समस्याएं स्वत: ही दूर हो जाएंगी।