अब फिर से ले पाएंगे होटल, क्लब और डिस्कोथैक में पार्टियों का मजा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 08:18 AM

liquor

चंडीगढ़ में 88 होटल, क्लब, डिस्कोथैक में लिकर सर्व करने पर लगी रोक खत्म होने का रास्ता साफ हो गया है।

चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ में 88 होटल, क्लब, डिस्कोथैक में लिकर सर्व करने पर लगी रोक खत्म होने का रास्ता साफ हो गया है। अगर सब कुछ सही रहा तो सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद जिन होटल, रैस्टोरैंट्स, शराब के ठेकों और क्लबों पर ताले लग गए थे वे सभी अगले सप्ताह खुल जाएंगे। प्रशासन के पास बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की रिटन कॉपी पहुंच गई है। इसके बाद अब प्रशासन वीरवार को यह कॉपी लीगल राय के लिए अपने एल.आर. डिपार्टमैंट को भेजेगा। वहां से क्लियरैंस मिलने के बाद सभी होटल, रैस्टोरेंट्स, क्लब, डिस्कोथैक और ठेकों को लाइसैंस जारी कर दिए जाएंगे। 

 

सूत्रों के अनुसार सोमवार या उसके बाद फिर से यहां लिकर सर्व होनी शुरू हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में क्लेरिफिकेशन दी गई है कि जो दिसंबर 2016 में लिकर पाबंदी को लेकर ऑर्डर किए गए थे वो एम.सी. लिमिट में आते एरिया के लाइसेंस्ड इस्टेब्लिशमैंट को बंद करने के लिए नहीं थे। यानि यह साफ है कि चाहे वह शहर के अंदर का स्टेट हाईवे हो या नैशनल हाईवे, कहीं भी एम.सी. एरिया के अंदर सुप्रीम कोर्ट का यह ऑर्डर लागू नहीं होता। 

 

अब डीनोटिफिकेशन की जरूरत नहीं :
सुप्रीम कोर्ट के इस ऑर्डर के बाद यह भी क्लियर हो गया है कि प्रशासन को अब शहर की भीतरी सड़कों की डीनोटिफिकेशन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर एम.सी. लिमिट के बाहर के लिए हैं। यानि अब जो केस हाईकोर्ट में प्रशासन की ओर से डीनोटिफिकेशन के बारे में चल रहा है उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अब प्रशासन को केवल आने वाले कुछ दिनों में लाइसैंस जारी करने का ही काम करना है। 

 

11 जुलाई को आया था फैसला :
सुप्रीम कोर्ट ने अपना यह फैसला 11 जुलाई को ही सुना दिया था। लेकिन प्रशासन अभी तक ऑर्डर की रिटन कॉपी का इंतजार कर रहा था। अब रिटन ऑर्डर आने के बाद ही एक्साइज डिपार्टमैंट यह लिस्ट तैयार करने में जुट गया है कि शहर में कितने लाइसैंस और जारी करने हैं। इसके लिए देर शाम तक प्रशासनिक अधिकारियों की भी मीटिंग चलती रही, जिसके बाद ये फैसले सामने आए। 

 

ये है ऑर्डर में :
यू.टी. प्रशासन ने जो प्रयास किए हैं वे किसी भी तरह इस कोर्ट द्वारा जारी डायरैक्शन का उल्लंघन नहीं करती है और न तो ऑर्डर की टर्म्स की वायलेशन है और न ही ऐसा कोई मकसद इसका है। 15 दिसबंर 2016 को जारी की डायरैक्शन का मकसद हाईवे के साथ लिकर सेल को कंट्रोल करना है जिसका (हाईवे) मतलब ये कि शहरों, टाउन और गांवों के बीच की कनैक्टिविटी, लेकिन म्यूनिसिपल एरिया के अंदर आते लाइसेंस्ड इस्टेब्लिशमैंट को इस ऑर्डर के जरिए पाबंदी नहीं लगाई गई।

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