Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 10:36 AM
भारत और पाकिस्तान के संबंध तभी सुधर सकते हैं, जब दोनों देशों के प्रधानमंत्री मिलकर काम करें। साथ ही दोनों देशों की आर्मी में भी तालमेल होना चाहिए। पंजाब यूनिवर्सिटी में अपनी पुस्तक ‘टाईडिंग ऑफ ट्रबल्ड टाइम्स’ के विमोचन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष...
चंडीगढ़(रश्मि) : भारत और पाकिस्तान के संबंध तभी सुधर सकते हैं, जब दोनों देशों के प्रधानमंत्री मिलकर काम करें। साथ ही दोनों देशों की आर्मी में भी तालमेल होना चाहिए। पंजाब यूनिवर्सिटी में अपनी पुस्तक ‘टाईडिंग ऑफ ट्रबल्ड टाइम्स’ के विमोचन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि 2005-07 में मनमोहन सिंह और मुशर्रफ के बीच समझौता वार्ता का फार्मूला लगभग तैयार हो गया था, मगर सियाचिन के हालात के कारण यह सिरे नहीं चढ़ पाया। उन्होंने डोकलाम विवाद पर नरेंद्र मोदी सरकार के स्टैंड की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार इस मसले पर बड़ी सूझबूझ से निपटी।
चीन अपनाए वन बैल्ट वन रोड का रास्ता :
तिवारी ने कहा कि चाईना को हम व्यापार करने के लिए रास्ता देने से नहीं मना कररहे हैं। बस इतना कह रहे हैं कि वन बैल्ट, वन रास्ता अपनाएं। चाईना की ओर से जो रास्ता मांगा जा रहा है वह कश्मीर को टच करता है। इस पर थोड़ी ऑब्जैकशन है। यह विवादित गिलगित-बाल्टीस्तान से गुजरेगा इसे लेकर आपत्ति है।
देशद्रोह का मामला हो जाता है दर्ज :
पिछले 42 माह से ऐसा हो रहा है अगर आप सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलते हैं आप एंटी नैशनल है या फिर आप पर देशद्रोह का चार्ज लगा दिया जाता है। हम लोकतांत्रिक देश में रहते है। हमें बोलने का अधिकार होना चाहिए। सरकार में इतनी कूटनीति होनी चाहिए जो भी देश उसके मित्र हैं उन देशों के दुश्मन भी हमारे दोस्त हों, लेकिन पिछले 42 माह से यह भी नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा गठबंधन की अच्छी रहती हैं, क्योंकि इससे सभी राज्यों व पार्टियों को पूरा प्रतिनिधित्व मिलता है। तिवारी ने कहा कि आज वर्किंग जर्नलिस्ट सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, जब तक उन्हें मजबूत नहीं किया जाएगा तब तक मेन स्ट्रीम मीडिया के लोग भी बहादुरी के साथ आवाज उठा नहीं पाएंगे।