मेयर चुनाव : भाजपा को क्रॉस वोटिंग का भय, कांग्रेस सेंधमारी की फिराक में

Edited By Priyanka rana,Updated: 08 Jan, 2020 11:17 AM

mayor election

10 जनवरी को प्रस्तावित चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की आशंका भी बन गई है।

चंडीगढ़(राय) : 10 जनवरी को प्रस्तावित चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की आशंका भी बन गई है। इस बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के उम्मीदवार पार्षदों का मन टटोलने की भी कोशिश में लगे हुए हैं। सत्तापक्ष की कोशिश है कि पुराना इतिहास नहीं दोहराया जाए जिससे पार्टी की किरकिरी न हो।

हो सकता है पार्षदों को अनुशासन और पार्टी हित का पाठ पढ़ाया जाए। इसी तरह सेंधमारी के पहले प्रयास में विफल रहने वाले कांग्रेसी की कोशिश होगी कि दो से तीन गुटों में विभाजित सत्तापक्ष भाजपा पार्षदों को अपने उम्मीदवारों के पक्ष में उतारने के लिए शीशे में उतारा जाए।

नोमिनेशन वाले दिन मेयर ऑफिस में हुआ था जमकर हंगामा :
नोमिनेशन वाले दिन मेयर ऑफिस में हुए हंगामे के बीच जब विपक्षी दल कांग्रेस के महिला विंग ने जब मेयर रूम में धावा बोला तब सिर्फ सत्तापक्ष के पुरुष पार्षद घिरे हुए थे, जिनकी विपक्षी महिला कार्यकर्ताओं से खासी नोक-झोंक भी हुई। 

वहीं, ऐसे में इस संकट की घड़ी में सत्तापक्ष को अपने जिस महिला मोर्चा की सबसे जयादा जरूरत थी वह विंग नदारद या फिर मूकदर्शक बना हुआ था। पार्टी की महिला पार्षद को बगावत का नामांकन पत्र भरने से रोकने के लिए मौके पर डटे हुए पुरुष पार्षदों की मदद की दिशा में कवर करने के लिए कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं को खदेडऩे में सत्तापक्ष महिला मोर्चा की कोई भूमिका नहीं दिखी। पूरा सियासी ड्रामा एकदम और जल्दी में ऑन द स्पॉट ऐसा रचा गया कि विपक्षी इसे भुना नहीं सके।

मनोनीत पार्षद कहीं परिदृश्य में नहीं :
सत्तापक्ष में सेंधमारी की योजना विपक्ष की पूरी तरह से इससे पहले कि सफल हो पाती, सत्तापक्ष ने चतुराई से बागी तेवरी दिखा चुकी अपनी पार्टी पार्षद की चारों ओर किलेबंदी कर दी। कुछ विपक्षी दल की महिला कार्यकर्ता बाकी तेवर दिखा चुकी पार्षद के नजदीक गई भी तो तब तक रूठों को मनाए जाने का खेल पूरा हो सका था। 

सत्तापक्ष को निगम सदन में नेता प्रति पक्ष-पार्षद से लेकर महिला कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर पूर्वांचल वोटबैंक पर खासा प्रभाव करने वाले नेताओं की भी कमी खल गई। विपक्ष के कुछ यह नेता मौजूद रहते तो सेंधमारी की योजना सफल भी हो सकती थी। 

वहीं, मेयर चुनाव के उम्मीदवार ऐलान और पूरी प्रक्रिया के दौरान निगम में सत्तापक्ष के ही मनोनीत पार्षद कहीं परिदृश्य में थे ही नहीं। मेयर चुनाव में वोट डालने का अधिकार खो चुके मनोनीत पार्षद बैठक में भी नहीं दिखे। इस बार के निगम चुनाव में भी लगातार तीसरी बार वे मूकदर्शक की भूमिका में होंगे।

ये हैं मैदान में :
मेयर चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने सोमवार को उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। भाजपा की ओर से मेयर पद के लिए राजबाला मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर का प्रत्याशी रवि शर्मा व डिप्टी मेयर का प्रत्याशी जगतार जग्गा को बनाया है। 

वहीं मेयर पद की प्रबल दावेदार हीरा नेगी की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। कांग्रेस की ओर से मेयर पद के लिए गुरबख्श रावत, सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए शीला फूल सिंह और डिप्टी मेयर पद के लिए रविंद्र कौर गुजराल को खड़ा किया गया है।

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