अब वित्त अनुबंध समिति में बवाल तय

Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Jan, 2019 11:53 AM

mayor election

मेयर चुनाव के बाद अब वित्त एवं अनुबंध समिति में भी इस वर्ष बवाल मचना तय माना जा रहा है।

चंडीगढ(राय) : मेयर चुनाव के बाद अब वित्त एवं अनुबंध समिति में भी इस वर्ष बवाल मचना तय माना जा रहा है। मेयर चुनाव में भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार राजेश कालिया के विरुद्ध बागी होकर नामांकन भरने वाले पार्षद सतीश कैंथ ने अब 30 जनवरी को वित्त एवं अनुबंध समिति के चुनाव में भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने का निर्णय लिया है। 

पार्षद सतीश कैंथ को मेयर चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लडऩे पर भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद से ही उनके और अधिक बागी तेवर हो गए हैं। पार्षद कैंथ ने न केवल आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरे जाने की पुष्टि की है, साथ ही अपने निष्कासन और मेयर चुनाव पर सवाल उठाया है।

तो 5 वोट लेना क्या मुश्किल काम है?
मेयर चुनाव में सत्ता पक्ष भाजपा के पांच वोट क्रास होने के बाद पार्षद कैंथ का हौसला बढ़ा है। उनका कहना है कि जब वह चुनाव में 11 वोट ले सकते हैं तो उनके लिए वित्त समिति चुनाव में पांच वोट हासिल करना कोई मुश्किल नहीं है। कैंथ का यह भी मानना है कि पांच बीजेपी पार्षदों की वोट क्रास होने से यह साबित होता है कि वह मेयर उम्मीदवार से खुश नहीं थे। 

कैंथ ने अमित शाह से मांगा समय :
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र में पार्षद कैंथ ने उनसे मिलने का समय भी मांगा है। खुद को पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता बताते हुए उन्होंने पत्र में दावा करते हुए कहा कि आरक्षित वर्ग से मेयर पद के लिए गलत उम्मीदवार चुनने से पार्टी को शर्मसार होना पड़ रहा है। पार्टी में जो कुछ गलत हो रहा है उसके बारे में वह पत्र लिखकर अवगत करा रहे हैं। 

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