Edited By Priyanka rana,Updated: 06 Mar, 2020 01:31 PM
गार्बेज प्लांट की समस्या को सुलझाने के लिए निगम की हुई विशेष बैठक किसी छलावे से कम नहीं थी।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : गार्बेज प्लांट की समस्या को सुलझाने के लिए निगम की हुई विशेष बैठक किसी छलावे से कम नहीं थी। 25 फरवरी और 4 मार्च की बैठक में नया कुछ भी ऐसा नहीं था। यादातर पार्षद अपनी सीट से उठकर बाहर अंदर आते जाते नजर आते रहे। सभी पार्षदों ने मिलकर कोई नया फैसला नहीं लिया। इसके लिए अचानक से तत्काल मीटिंग बुलानी पड़ी।
यह बिना होम वर्क का नतीजा है। बेहतर होता इस बैठक में चंडीगढ़ शहर के एडवाइजर भी उपस्थित होते ताकि निगम की हंसी मजाक वाली कार्यशैली उन्हें भी पता चलती। 4 तारीख की सदन की बैठक में पार्षद आपस में विचार-विमर्श काम और राजनीतिक कटाक्ष जायद करते रहे किसी ने भी बैठक में सही मार्गदर्शन नहीं दिया और सदन की बैठक में ही विवाह शादी के कार्ड बांटते हुए पार्षद खुलेआम देखे गए।
सबसे अहम बात 33 करोड़ के माइनिंग प्रोजैक्ट को लेकर चर्चा नहीं की गई। सभी पार्षद खामोश रहे। ‘आप’ प्रवक्ता सोनी ने कहा कि ‘आप’ जल्द ही शैडो एम.सी. के तहत इस मुद्दे पर भी कमेटी बना कर शहर के सामने एक नया और अर्थपूर्ण समाधान रखेगी, जिसे पैसे की बर्बादी के साथ-साथ शहर के लोग इस समस्या से हमेशा के लिए मुक्तहोंगे।