Edited By pooja verma,Updated: 01 Jun, 2020 11:39 AM
केंद्र व प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद लॉक डाऊन के बीच सैक्टर- 29 स्थित गढ़वाल भवन में भाजपा के गढ़वाल विंग की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में 250 से 300 लोगों कौ भीड़ एकत्रित हो गई ।
चंडीगढ़ (रमेश हांडा): केंद्र व प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद लॉक डाऊन के बीच सैक्टर- 29 स्थित गढ़वाल भवन में भाजपा के गढ़वाल विंग की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में 250 से 300 लोगों कौ भीड़ एकत्रित हो गई । भीड़ में भाजपा केपूर्व सांसद, चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष अरुण सूद, पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन, मेयर राजबाला मालिक, पूर्व मेयर आशा जायसवाल, कई पार्षद व अन्य इकाइयों के नेता भी शामिल थे।
पी.जी.आई के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की मदद से लगाए गए शिविर का मकसद कोरोना काल में पेश आ रही ब्लड कौ कमी को दूर करना था। बेशक मकसद अच्छा था लेकिन आयोजन करने का तरीका इतना खतरनाक था कि बापृधाम वाली स्थिति पैदा हो जाती। हैरानी की बात ये थे कि गढ़वाल भवन की एंट्री पर पुलिस वाले ही लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कर रहे थे। ऐसे में सवाल ये है कि क्या पुलिस को इतनी भीड़ नजर नहीं आई ? की दो दिन पहले ही सोशल यंग और मास्क को लेकर चालान के सख्त आदेश दिए गए हैं।
बड़ा सवाल :इस आयोजन की अनुमति आखिर मिली कैसे?
गढ़वाल भवन के हॉल में सुबह से दोपहर तक चले ब्लड डोनेशन कैंप में 250 से 300 लोग एक साथ जुटे रहे जबकि लॉक डाऊन के चलते किसी भी सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति ही नहीं है। सवाल ये उठ रहे हैं कि इस आयोजन की अनुमति किस तरह मिल गई? नियमों के तहत किसी विवाह समारोह में भी 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने की अनुमति नहीं है। इसके लिए भी प्रशासन को मेहमानों की लिस्ट देनी जरूरी है, जिसके बाद ही अनुमति मिलती है।
यहां गढ़वाल भवन में हुए कार्यक्रम में इतनी संख्या में लोग कैसे पहुंच गए, यह भी बड़ा सवाल है। इस कार्यक्रम में भाजपा के पूर्व सांसद से लेकर कई अन्य नेता भी पहुंचे थे जिनकी ओर से बार-बार सोशल डिस्टैंस बनाए रखने की अपील तो होती रही लेकिन किसी ने उसकी पालना नहीं की।
प्रशासन के आदेश का या हुआ ?
प्रशासन ने दो दिन पहले ही सोशल डिस्टैंसिंग मैंटेन नहीं करने वाले को 3000 रुपए व मास्क नहीं पहनने पर 500 रुपए जुर्माने का ऐलान किया है। यही नहीं कोई धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करने पर भी आपराधिक मामला दर्ज किए जाने का प्रावधान केंद्र व प्रशासन की गाइडलाइन का हिस्सा है।