क्या हुआ जब कलयुगी माँ पर चढ़ा आशिकी का सुरूर, बच्चों से किया जानवरों सा बर्ताव और फिर...

Edited By Priyanka rana,Updated: 01 Aug, 2019 09:34 AM

mother

चंडीगढ़ की एक बेरहम मां ने बच्चों को 15 दिन तक भूखे रखा और लात-घूसों से पीटा। यही नहीं विधवा मां बच्चों को घर में अकेला छोड़कर किसी ओर के पास जाकर रहने लग गई।

चंडीगढ़(वैभव) : चंडीगढ़ की एक बेरहम मां ने बच्चों को 15 दिन तक भूखे रखा और लात-घूसों से पीटा। यही नहीं विधवा मां बच्चों को घर में अकेला छोड़कर किसी ओर के पास जाकर रहने लग गई। यह मामला धनास के छोटे फ्लैट्स का है। 

बच्चों की शिकायत के बाद चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी ने पीड़िता नाबालिग की मां पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत पुलिस को एफ.आई.आर. करने की सिफारिश की है। बच्चों को रैस्क्यू कर उचित न्याय दिलवाने के लिए अपने पास रखा है।

बच्चों की शिकायत पर धनास फ्लैट्स पहुंची टीम :
डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटैक्शन ऑफिसर डी.सी.पी.ओ. तब्बशुम खान ने बताया कि उनके पास एक कॉल आई थी, जिसमें पीड़िता नाबालिग ने उन्हें बताया कि उनकी मां उससे व उसके बहन-भाईयों से मारपीट करती है। खाने को नहीं देती। 

सूचना पाकर डी.सी.पी.ओ. तब्बशुम खान की अगुवाई में चाइल्ड प्रोटैक्शन ऑफिसर मोहम्मद ईरशाद, लीगल ऑफिसर प्रभदीप कौर और सामाजिक कार्यकर्ता नेहा शर्मा ने धनास के छोटे फ्लैट्स का दौरा किया।

पिता चल बसे व मां किसी और के साथ रह रही :
डी.सी.पी.ओ. तब्बशुम खान ने बताया कि नाबालिग ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी मां विधवा है। पिता का देहांत वर्ष 2016 में हो गया था। उसके बाद वह सैक्टर-25 निवासी के साथ उसके घर में रहने लग गई। 

रेखा के अलग होने के बाद तीनों बच्चे धनास में अकेले रहते हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। वहीं पीड़िता नाबालिग ने बताया कि उनके रिश्तेदार भी उन्हें देखने नहीं आते।

घर में कोई जरूरत का सामान नहीं था :
नाबालिग ने बताया कि उसकी मां उन्हें खाने के लिए खाना तो क्या कोई खर्च तक नहीं देती थी। जब टीम ने धनास के छोटे फ्लैट्स का दौरा किया तो पाया कि बच्चों ने करीब 15 से 20 दिन से कुछ नहीं खाया था। टीम ने उनके घर राशन डलवाया। टीम ने वहां यह भी पाया कि घर में किसी भी प्रकार का कोई भी जरूरत का सामान नहीं है।

सामने ही बच्चों को पीटने लगी :
जब मां को पता चला कि बच्चों ने उसके खिलाफ शिकायत की है, तो उसने तीनों को पीटा व धमकियां दी। जब यह वाक्या हुआ तब डी.सी.पी.यू. व टीम वहां मौजूद थी। जब टीम के सदस्यों ने उसे रोका तो उसने उनसे भी गाली गलौच की। 

टीम ने इतना सब होने के बावजूद मां को समझाया कि बच्चों की जिम्मेदारी उसकी बनती है। वह उन्हें जरूरत का सभी सामान मुहैया करवाए, लेकिन उसने उनकी एक न सुनी और लगातार गाली-गलौच करती रही। टीम के सामने उसने बच्चों को धमकी दी कि वह इसका बदला उनसे लेकर रहेगी।
 

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