Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Jan, 2020 09:39 AM
जी.एम.सी.एच. के अहम प्रोजैक्टों में से एक मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर को एडमिनिस्ट्रेशन की अप्रूवल मिल गई है।
चंडीगढ़(पाल) : जी.एम.सी.एच. के अहम प्रोजैक्टों में से एक मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर को एडमिनिस्ट्रेशन की अप्रूवल मिल गई है। पिछले कुछ वक्त से प्रोपोजल पर काम रुका हुआ था। यहां तक की कई दफा इसे बंद करने की नौबत भी आ गई थी, लेकिन अब इसे एडमिन्स्ट्रेशन की परमिशन मिल गई है।
यही नहीं सैंटर को बनाने को लेकर तय राशि के एस्टीमेट को भी अप्रूवल दे दी गई है। जी.एम.सी.एच. एडमिनिस्ट्रेशन के ऑफिशियल स्पोक्स पर्सन अनिल मोदगिल के मुताबिक इस सैंटर को 38.60 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। प्रोजैक्ट को लेकर विभाग काफी वक्त से काम कर रहा है।
लिहाजा सभी चीजों को अप्रूवल मिलने के बाद जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पी.जी.आई. के बाद यहां बनने वाला मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर शहर का दूसरे सबसे बड़ा सैंटर होगा। जहां मां व बच्चे को बेहतर और एडवांस लैवल की आधुनिक सुविधाएं व इलाज एक छत के नीचे मिल सकेगा।
इंटर्नल प्रोसैस को बदला जाएगा :
जी.एम.सी.एच के जिस ब्लॉक में इस सैंटर को बनाए जाने की योजना है वहां पिछले साल ऑर्कीटैक्ट ने बताया था कि जहां विभाग बनना है वहां जमीन के नीचे कई सर्विस की तारें जा रही हैं। ऐसे में कंस्ट्रक्शन नहीं हो पाएगा।
लिहाजा प्रशासन ने एक बार फिर चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन से इस बारे में बात की थी, जिसके बाद तय किया गया है कि नीचे के सारे इंटरनल प्रोसैस को बदला जाएगा। प्रोजैक्ट को लेकर ले-आउट भी तैयार कर लिया गया है। सैंटर में 200 बैड की व्यवस्था होगी।
मरीजों को मिलेगी राहत :
जी.एम.सी.एच के गायनी विभाग में कई साल से बैड की समस्या बनी हुई है। वॉर्ड में 12 बैड हैं, जिनमें 24 महिलाओं को एडजस्ट किया जाता है। आंकड़ों पर गौर करें तो शहर के दूसरे हैल्थ सैंटरों के मुकाबले जी.एम.सी.एच. में डिलीवरी केस ज्यादा होते हैं। ऐसे में बैड की रिक्वायरमैंट भी ज्यादा है।
ऐसे में अस्पताल का अलग से मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। मैडीकल काऊंसिल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन्स के मुताबिक जितने बैड की व्यवस्था होनी चाहिए। उतने बैड विभाग में पहले से मौजूद हैं, लेकिन अस्पताल में मरीजों को देखते हुए 12 बैड हाल ही में और बढ़ाए गए हैं।