एम.पी. सिंह की प्रोमोशन की याचिका रद्द

Edited By ,Updated: 07 Apr, 2016 08:51 AM

mp singh s promotion plea

यू.टी. एडमिनिस्ट्रेशन के इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर (इलैक्ट्रिसिटी ऑपरेशन सर्कल) एम.पी. सिंह वसल की चीफ इंजीनियर पोस्ट की प्रोमोशन की मांग को लेकर दायर याचिका को सैंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने बुधवार को रद्द कर...

 चंडीगढ़, (बृजेन्द्र): यू.टी. एडमिनिस्ट्रेशन के इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर (इलैक्ट्रिसिटी ऑपरेशन सर्कल) एम.पी. सिंह वसल की चीफ इंजीनियर पोस्ट की प्रोमोशन की मांग को लेकर दायर याचिका को सैंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने बुधवार को रद्द कर दिया। एम.पी. सिंह ने अपनी याचिका में मांग की थी कि एडमिनिस्ट्रेशन को उनकी प्रोमोशन के संबंध में आदेश जारी किए जाए।

एम.पी. सिंह ने यू.टी. एडमिनिस्ट्रेशन समेत यूनियन ऑफ इंडिया व यू.पी.एस.ई. को पार्टी बनाया था। याचिका में कहा गया था कि एम.पी. सिंह यू.पी.एस.सी. द्वारा सितम्बर, 1991 में असिस्टैंट इंजीनियर(क्लास-2)(इलैक्ट्रिसिटी विंग) चुने गए थे। जिसके बाद वह दिसम्बर, 2002 में असिस्टैंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर(क्लास-1) प्रोमोट हुए। सिंह के मुताबिक वह अक्तूबर, 2010 से एस.ई.(इलैक्ट्रिसिटी) का एडिशनल चार्ज देख रहे थे। जिसके बाद सितम्बर, 2011 में प्रोमोट हुए। 

उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट में एस.ई. के रूप में काम करते हुए वह चीफ इंजीनियर की अप्वाइंटमैंट के लिए योग्य हैं। उनकी मांग को एडमिनिस्ट्रेशन ने मार्च, 2012 में रद्द कर दिया था। एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने जवाब में कहा कि एम.पी. सिंह जो एस.ई.(ई.ओ.) की पोस्ट पर हैं वह चीफ इंजीनियर के लिए फीडर कॉडर पोस्ट नहीं है। साथ ही कहा कि उन्हें सिविल/ पब्लिक/ हैल्थ/ इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की आवश्यक फील्ड का अनुभव नहीं है। अधिकतर प्रोजैक्ट्स इन्हीं डिपार्टमैंट्स के अंतर्गत आते हैं। 

एम.पी. सिंह ने कहा कि इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट के के.के. जैरथ को भी चीफ इंजीनियर बनाया गया था। ऐसे में उन्हें भी कंसीडर करना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेशन ने इस प्वाइंट पर विरोध करते हुए कहा कि जैरथ के पास इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री थी और वह एस.ई.(इलैक्ट्रिकल) के रुप में काम कर रहे थे जो बिल्डिंग ंड रोड ब्रांच का पार्ट है। ऐसे में याचिकाकत्र्ता का क्लेम स्वीकार्य नहीं है। एडमिनिस्ट्रेशन की दलीलों से सहमति दिखाते हुए ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर जिन्होंने डिपार्टमैंट ऑफ पब्लिक वक्र्स के सिविल विंग में सॢवस दी है, वहीं चीफ इंजीनियर की पोस्ट के लिए योग्य हैं।

 

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