निगम को अपना खाली खजाना भरने की उम्मीद

Edited By Priyanka rana,Updated: 17 Nov, 2019 11:56 AM

municipal corporation

चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा लीज होल्ड संपत्तियों को फ्री होल्ड में बदलने के लिए गए निर्णय से अब निगम को उम्मीद जगी है कि उसके खाली खजाने भर जाएंगे।

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा लीज होल्ड संपत्तियों को फ्री होल्ड में बदलने के लिए गए निर्णय से अब निगम को उम्मीद जगी है कि उसके खाली खजाने भर जाएंगे। 

ज्ञात रहे कि इससे पहले भी सैक्टर-35 में होटल जे.डब्ल्यू. मैरियट को होटल साइट तथा मनीमाजरा में उप्पल सोसायटी को आवासीय साइट बेचने से निगम के खाते में करोड़ों रुपए आए थे व उन्हें मिला कर ही 500 करोड़ से अधिक की एफ.डी. बैंक में जमा की गई थी। निगम की आय में हुई गिरावट व बढ़ते खर्च के चलते निगम अब उस राशि को लगभग खत्म कर चुका है।

निर्णय पर अब प्रशासन की लगनी है मोहर :
निगम सदन द्वारा लिए गए इस निर्णय पर अब प्रशासन की मोहर लगनी है। पिछले दिनों प्रशासक से मिलने गए निगम पार्षदों को आश्वासन मिल चुका है कि उसे संपत्ति की फ्री होल्ड करने की अनुमति दी जाएगी। प्रशासक के बाद इसे केंद्रीय गृहमंत्रालय की भी मंजूरी लेनी होगी। 

निगम की लगभग 500 संपत्तियां और लगभग 50 एकड़ जमीन खाली पड़ी है पर लीज होल्ड पर कोई लेने वाला नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं निगम ने फिश मार्कीट को तो किराए पर भी देने का प्रयास किया था पर उसमें भी विफल रहा था।

 ई-नीलामी में कोई बोली लगाने वाला नहीं था :
गत जुलाई माह में मनीमाजरा में एक विशेष अस्पताल साइट और 20 एस.सी.एफ. साइटों की नीलामी विफल हो गई थी क्योंकि ई-नीलामी में कोई बोली लगाने वाला नहीं था। गत सितम्बर में फिर से ई-नीलामी के लिए इन साइटों को रखा गया,लेकिन इस बार भी कोई बोली नहीं लगी। 

गत वर्ष भी निगम ने सैक्टर-17 अंडरब्रिज में 40 बूथों, सैक्टर-17 इंटर-स्टेट बस टर्मिनस (आई.एस.बी.टी.) के अंडर पास  में 11 बूथों, सैक्टर -22 के बूथों की नीलामी में बार-ंबार विफल रहने के बाद गत मार्च माह में इनकी आरक्षित कीमत में करीब 20 प्रतिशत तक की कटौती कर दी थी। 

इसके बावजूद भी इन्हें लीसपोल्ड पर होने के कारण नीलाम नहीं किया जा सका। निगम की नीलाम की जाने वाली अन्य संपत्तियों में सैक्टर 39 डी में आठ बूथ,  मौलीजागरां में 15 बूथ भी शामिल हैं। इनकी  कीमत में भी 10 प्रतिशत की कटौती की गई थी। यह निर्णय भी निगम सदन में लिया गया था।

नीलामी फ्री होल्ड पर करने की अनुमति मांगी :
मनीमाजरा में जो होटल व अन्य व्यवसायिक संस्थानों के लिए निगम ने 1990-92 में जो भूमि का अधिग्रहण किया उसकी भी जोनिंग आज तक प्रशासन द्वारा नहीं की गई। नीलामी न होने के चलते निगम ने सैक्टर-41 की फिश मार्कीट को किराए पर भी देने का प्रयास किया पर उसमें भी उसे सफलता नहीं मिली। सैक्टर-48 की फूड स्ट्रीट में भी कोई व्यवसायिक गतिविधि आज तक नहीं हो पाई। 

इस संबंध में मेयर राजेश कालिया का कहना है कि प्रशासन ने संपत्ति की नीलामी फ्रीहोल्ड पर करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने बताया कि पहले भी मनीमाजरा में उप्पल सोसायटी तथा सैक्टर-35 में होटल साइट को नीलाम कर निगम ने लगभग 500 करोड़ कमाए थे। अभी भी अगर निगम को सैक्टर-48 व मनीमाजरा की होटल साईट की नीलामी की अनुमति मिलती है तो उसके खजाने फिर से भर सकते हैं।

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