Edited By Priyanka rana,Updated: 30 Dec, 2019 11:13 AM
चंडीगढ़ नगर निगम ने मौलीजागरां विकास नगर में बने 105 बूथों की ऑक्शन में बार-बार असफल होने के बाद अब इन बूथों को मासिक लाइसैंस फीस पर अलॉट करने की तैयारी शुरू कर दी है।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ नगर निगम ने मौलीजागरां विकास नगर में बने 105 बूथों की ऑक्शन में बार-बार असफल होने के बाद अब इन बूथों को मासिक लाइसैंस फीस पर अलॉट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सोमवार को होने वाली निगम हाउस की मीटिंग में प्रस्ताव लाया जाएगा। इससे पहले निगम कई बार 99 वर्ष की लीज पर इन बूथों की ऑक्शन करने का प्रयास कर चुका है।
इस संबंध में निगम के एक अधिकारी ने बताया कि वह इन बूथों को मासिक लाइसैंस फीस पर अलॉट करेंगे, क्योंकि लीज पर ऑक्शन में इन बूथों को लेने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है। इनका रिजर्व प्राइज भी इतना अधिक है कि इसके लिए रिस्पांस नहीं आ रहा है। बता दें कि वर्ष 2014 से ये बूथ अलॉटमैंट की आस में दम तोड़ रहे हैं। यहां कुल 112 बूथ बने हैं।
निगम ने गत वर्ष गत भी इन बूथों की ऑक्शन करने का प्रयास किया था, लेकिन तब भी निगम मात्र 5 बूथों की ही ऑक्शन कर पाया था। इसके बाद ऑक्शन में मात्र 2 बूथों की ऑक्शन हो पाई थी। ऑक्शन के लिए निगम ने 20 व 29 बड़े बूथों के लिए रिजर्व प्राइज 18.42 लाख रुपए तय किया था। वहीं 24 और 32 छोटे बूथों के लिए 15.75 लाख रु पए रिजर्व प्राइज तय किया था।
ऑडिट ने उठाए थे सवाल :
कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया ने वर्ष 2016-17 की अपनी रिपोर्ट में निगम की इस ढीली कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि इन बूथों की अलॉटमैंट न होने से निगम को वित्तीय हानि हो रही है, इसलिए निगम को बूथों की अलॉटमैंट के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके बाद भी निगम ने सबक नहीं लिया।
बूथों की हालत हो रही खस्ता :
अलॉटमैंट न होने के चलते इन बूथों की हालत खस्ता होती जा रही है। इनमें लोगों ने नाजायज रुप से कब्जे कर रखे हैं। यहां तक कि यहां पर गंदगी की भरमार है। यही कारण है कि अब इन बूथों को लेने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है।
शरारती तत्व यहां पर उत्पात मचाते हैं, जिस कारण आसपास के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों ने यहां पर बूथ लिए भी थे, वह इनकी हालत देखकर खुश नहीं थे। यही कारण है कि निगम मासिक फीस पर ही इनकी अलॉटमैंट करने का प्रयास करेगा, ताकि इसके लिए उन्हें लोगों का रिस्पांस मिल सके। साथ ही अलॉटमैंट के चलते बूथों का रख-रखाव भी सही रुप हो सके।