नगर निगम : 29 प्रस्तावों में से सिर्फ 2 ही हो सके पारित

Edited By Priyanka rana,Updated: 01 Dec, 2018 03:54 PM

municipal corporation

नगर निगम सदन में शुक्रवार को करीब 7 घंटे की बहस के बाद भी ठोस कचरा प्रबंधन उपनियमों को लागू करने का एजैंडा पारित नहीं हो पाया।

चंडीगढ़(राय) : नगर निगम सदन में शुक्रवार को करीब 7 घंटे की बहस के बाद भी ठोस कचरा प्रबंधन उपनियमों को लागू करने का एजैंडा पारित नहीं हो पाया। इसे एक बार फिर पब्लिक डोमेन पर लोगों के सुझाव व सिफारिशों के लिए रखा जाएगा। 

गत जुलाई में निगम सदन में इस संबंध में एजैंडा पारित कर प्रशासन को अप्रूवल के लिए भेजा गया था व सितम्बर में भी इसे लोगों की राय जानने क लिए पब्लिक डोमेन पर रखा गया था लेकिन लोगों की इसमें रुचि कम ही दिखी। इस निर्णय के चलते निगम ने दिसम्बर से जो नए नियमों को लागू करने की तैयारी की थी, उसे धक्का लगा है। इस निर्णय से निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में प्रथम आने के किए जा रहे प्रयास भी प्रभावित होंगे। 

बैठक में लोगों की राय जानने के लिए अब पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। इससे पहले गत सितम्बर में प्रशासन ने मेयर देवेश मोदगिल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। मोदगिल के अतिरिक्त इसमें निगमायुक्त के.के. यादव और यू.टी. हैल्थ विभाग के डायरैक्टर डा. जी. दीवान को शामिल किया गया था। शुक्रवार को जब यह ड्राफ्ट रूल फिर सदन में रखे गए तो इसमें फिर से यही कहा गया कि निगम के पास जो 1447 रजिस्टर्ड गारबेज कलैक्टर हैं, उन्हें निगम में आऊटसोर्स कर्मियों के रूप में शामिल किया जाएगा। 

इसका विरोध पहले भाजपा पार्षद भरत कुमार ने किया और उसके बाद भाजपा पार्षद अरुण सूद इस मुद्दे पर अकेले ही करीब सात घंटे तक बोलते रहे, जिसके चलते एजेंडे में रखे गए 29 प्रस्तावों में से केवल 2 ही पारित हो पाए। गारबेज कलैक्शन का सबसे अहम एजैंडा था लेकिन निगम कोई निर्णय नहीं ले पाया। शहर में टुल्लू पंप हटाने पर सहमति बनी।

दिसम्बर से लागू करने की तैयारी में था निगम :
उक्त पॉलिसी के तहत बायोडिग्रेडेबल और नॉन बायोडिग्रेडेबल गारबेज को वैज्ञानिक ढंग से निष्पादित किया जाना है। प्रस्तावित नीति के तहत स्रोत पर कचरे को अलग करना होगा, ताकि सॉलिड वेस्ट से प्रॉपर तरीके से मैटीरियल रिकवर किया जाए। 

सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट के तहत सैग्रीगेशन ऑफ बायोडिग्रेडेबल, रिसाइकलेबल, सैनिटरी वेस्ट, डॉमैस्टिक हैजडर्स, सैग्रीगेट करके कवर किए व्हीकल में डोर टू डोर कलैक्शन और ट्रांसपोर्टेशन हो। निगम ने दिसम्बर में इन्हें लागू करने की तैयारी भी कर ली थी।

शहर से गार्बेज कलैक्शन की पुरानी व्यवस्था ही कायम रहे : अरुण सूद
निगम के पास पुराने 1447 गारबेज कलैक्टर रजिस्टर्ड हैं व नई नीति के तहत निगम इन्हें कलैक्शन के काम से जोड़े रखने के लिए उन्हें स्टाफ में शामिल करेगा जबकि अरुण सूद चाहते हैं कि घरों से कचरा एकत्र करने की जो व्यवस्था चल रही है, वह कायम रहे ताकि इन लोगों का रोजगार बना रहे। शहर में तो निगम अपने वाहनों से कचरा उठाएगा लेकिन कालोनियों व गांवों की तंग गलियों के लिए ई-रिक्शा शुरू की जा सकती है। 

शहर से कचरा उठाने के समय पर भी उन्हें ऐतराज था। अरुण सूद की इस मैराथन बहस का विरोध निगमायुक्त सहित कांग्रेस पार्षद और उनके अपने दल के पार्षद भी करते रहे पर वह नहीं रुके। मेयर ने तो उनकी लंबी बहस को देखकर कह दिया कि एजेंडे के अन्य सभी प्रस्ताव डैफर कर आज केवल इसी मुद्दे पर बहस की जाए। कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने बीच-बीच में सूद को चुप करवाने के लिए तीखी बहस भी छेड़ी लेकिन वह नहीं रुके। उनकी इन आपत्तियों के चलते जुलाई से लटक रहे कचरा प्रबंधन उपनियम एक बार फिर लटक गए।

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