Edited By Priyanka rana,Updated: 08 Feb, 2020 08:48 AM
नगर निगम सदन ने शुक्रवार को 61.74 करोड़ के घाटे के साथ 1,470 करोड़ का बजट वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पारित किया।
चंडीगढ़(राय) : नगर निगम सदन ने शुक्रवार को 61.74 करोड़ के घाटे के साथ 1,470 करोड़ का बजट वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पारित किया। इसमें कैपिटल हैड के तहत 444 करोड़ और रैवेन्यू हैड में 1021 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पिछली बार की अपेक्षा इस बार निगम के बजट में 210 करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। प्रशासन को केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा चंडीगढ़ के कुल बजट में से करीब 425 करोड़ रुपए ही मिलने हैं।
अपने बजट अभिभाषण में मेयर राजबाला मलिक ने आश्वासन दिया कि इस बार शहर वासियों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा। कांग्रेस पार्षदों के हंगामे के बीच मेयर ने कहा कि यह संतुलित बजट है और इसे सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। निगम कमिश्नर का कहना था कि निगम का अपने कर्मचारियों को वेतन देने का सालाना खर्चा 500 करोड़ रुपए है, जिसे कम करने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं, बजट पारित होने से पहले ही कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए सदन से वॉकआऊट किया। पार्षदों को प्रत्येक बैठक के लिए मिलने वाली 500 रुपए की राशि को बढ़ाकर दो से तीन हजार और रिफ्रैंशमैंट राशि 650 रुपए से बढ़ाकर 2 हजार तक करने का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसका कांग्रेसी पार्षदों ने कड़ा विरोध किया।
पार्षदों में चलती रही तीखी नोकझोंक :
दोपहर तक कांग्रेस पार्षदों व भाजपा पार्षदों में बजट को लेकर तीखी नोकझोंक चलती रही। कांग्रेस पार्षद दविंदर सिंह बबला का कहना था कि जब से भाजपा सत्तारूढ़ हुई है, तब से निगम कंगाल हो गया है। भाजपा केवल टैक्स लगाने पर सोचती है जबकि शहर की बदहाल सड़कों की हालत पर उसकी नजर नहीं पड़ती। बबला ने कहा कि बंसल एक बार 400 करोड़ की अतिरिक्त ग्रांट केंद्र सरकार से लेकर आए थे।
397.55 करोड़ का राजस्व जुटाएगा निगम :
निगम बजट में इस बार उसके अपने स्रोतों से आय में वृद्धि दिखाई गई है। निगम वित्त वर्ष 2020-21 में अपने स्रोतों से अनुमानित 397.55 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित करेगा। वर्ष 2019-20 में इस मद में निगम ने 97.44 करोड़ रुपए का राजस्व उक्त वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में अर्जित किया है।
निगम के अनुमानों में सामुदायिक केंद्रों के किराए, मलबा उठाने, कालोनी ब्रांच से होने वाली आय में कोई वृद्धि नहीं दर्शाई गई है जबकि सामुदायिक केंद्रों की सदस्यता फीस, वैंडर्स सेल, तरबूज, नारियल व ट्रांसपोर्ट सेल से होने वाली आय में गिरावट दिखाई गई है।
काऊ सैस से निगम को 5 करोड़ का राजस्व :
निगम को संपत्ति कर से भी आगामी वित्त वर्ष में 35 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में निगम को इस मद में 36 करोड़ रुपए की आय हुई है। निगम की आय में वृद्धि स्कूटर बाजार, इन्फोर्समैंट विंग, सोलर पावर एनर्जी से होने वाली आय से होने का अनुमान लगाया गया है।
पानी की बढ़ी दरों, काऊ सैस, गांवों में लगने वाले संपत्ति कर से भी राजस्व मिलने वाला है। काऊ सैस से निगम को 5 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया है। निगम कमिश्नर का कहना है कि वास्तव में इसके लागू होने के बाद यह राशि बढ़ भी सकती है।
100 करोड़ से सुधारेंगे सड़कों की हालत!
निगम बजट में 100 करोड़ से शहर की सड़कों की हालत सुधारने की योजना है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने नगर निगम को अढ़ाई करोड़ रुपए की राशि दी है। कचरा सेग्रीगेशन के गाडिय़ां खरीदी जाएंगी, जिन पर 37 करोड़ की लागत आएगी। यह राशि स्मार्ट सिटी के तहत आएगी।
इस साल नगर निगम दो पैट्रोल पंप भी शुरू करने जा रहा है, जिससे निगम को तीन करोड़ की कमाई प्रति वर्ष होगी। निगम के कई कार्य स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत कराए जा रहे हैं, जिसमें डड्डूमाजरा स्थित डंपिंग ग्राऊंड प्रमुख हैं।