Edited By pooja verma,Updated: 14 Nov, 2019 12:00 PM
ड्रग लाइसैंसिंग अथॉरिटी नेहा शौरी की खरड़ कार्यालय में हुई हत्या मामले में पुलिस की कार्रवाई और सबूत मिटाने के आरोप लगाते हुए मृतका के पिता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है।
चंडीगढ़ (रमेश): ड्रग लाइसैंसिंग अथॉरिटी नेहा शौरी की खरड़ कार्यालय में हुई हत्या मामले में पुलिस की कार्रवाई और सबूत मिटाने के आरोप लगाते हुए मृतका के पिता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है। नेहा के माता-पिता द्वारा पंजाब पुलिस पर इस जांच को दबाने और सबूतों को नष्ट करने के आरोप लगाए जाने पर जस्टिस हरनरेश सिंह गिल ने पंजाब सरकार को इस मामले पर 20 दिसम्बर तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का नोटिस जारी किया है।
मोहाली में जोनल ड्रग्स लाइसैंसिंग अथॉरिटी के पद पर कार्यरत रही नेहा शौरी की हत्या की जांच में बरती जा रही ढिलाई के खिलाफ नेहा के पिता कैप्टन कैलाश कुमार शौरी और मां अरुण शौरी ने अपनी याचिका में कहा है कि नेहा की हत्या के मामले में 29 मार्च, 2019 को दर्ज की गई एफ.आई.आर. पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ड्रग माफिया ने रास्ते से हटाने के लिए किया मर्डर
एडवोकेट बी.डी. शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में कैप्टन कैलाश ने कहा है कि उनकी बेटी राज्य में ड्रग्स के प्रसार को रोकने के लिए निष्ठा से काम रही थी इसलिए ही ड्रग माफिया ने उन्हें अपने रास्ते से हटाने के लिए साजिश के तहत उनकी हत्या करवाई। याचिकाकर्ता ने कहा है कि ईमानदारी के कारण नेहा शौरी ड्रग माफिया की नजरों में किरकिरी बन गई थी, जिसकी वजह से उनकी खरड़ स्थित उनके कार्यालय में ही हत्या करवा दी गई।
जांच की कोई जानकारी नहीं दी
याचिका में कहा गया है कि पहले पंजाब पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एस.एस.पी. मोहाली के अधीन जांच टीम गठित की थी जिसे बाद में रोपड़ रेंज के आई.जी. को सौंप दिया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि जांच को सी.बी.आई. को सौंपे जाने के लिए उन्होंने 9 अप्रैल, 2019 को मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी, परंतु सी.बी.आई. की बजाय जांच ब्यूरो ऑफ इंवैस्टीगेशन के निदेशक को सौंप दी गई।
पिता ने कहा कि पंजाब सरकार ड्रग के खिलाफ जीरो टोलरैंस के दावे करती है, परंतु उनकी बेटी की हत्या के मामले में अब तक की गई जांच के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है जबकि इस मामले में पीड़ित परिवार ने जांच एजैंसी को हरसंभव सहयोग दिया है।
पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया
याचिकाकर्ता ने कहा कि नेहा की हत्या के बाद जांच एजैंसी ने उनका लैपटॉप और आई फोन भी कब्जे में ले लिया था और उनके परिवार ने इन उपकरणों के पासवर्ड पुलिस को उपलब्ध करवाए लेकिन उसके बावजूद उन्हें जांच के संबंध में कुछ नहीं बताया गया जो कि पुलिस की मिलीभगत को दर्शाता है।