Edited By pooja verma,Updated: 09 May, 2019 06:54 PM
एडमिशन के बाद नाम वापस लेने का फैसला लिया और राशि रिफंड करने के लिए स्कूल में एप्लीकेशन दी, लेकिन ब्रिटिश स्कूल ने राशि वापिस नहीं की।
चंडीगढ़ (राजिंद्र) : एडमिशन के बाद नाम वापस लेने का फैसला लिया और राशि रिफंड करने के लिए स्कूल में एप्लीकेशन दी, लेकिन ब्रिटिश स्कूल ने राशि वापिस नहीं की। इसके चलते उपभोक्ता फोरम ने स्कूल को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है।
फोरम ने निर्देश दिए हैं कि स्कूल शिकायतकर्ता को अलग से जमा करवाए गए रजिस्ट्रेशन चार्जेज काटकर 18 हजार रुपए रिफंड करे। साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ व सेवा में कोताही के लिए 10 हजार रुपए मुआवजा व 5 हजार रुपए मुकदमा खर्च भी दे।
आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिन के अंदर पालन करना होगा, नहीं तो स्कूल को अतिरिक्त मुआवजे के रुप में 10 हजार रुपए भी देने होंगे। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-2 ने सुनवाई के दौरान जारी किए।
दो बच्चों की एडमिशन करवाई
सैक्टर-44सी चंडीगढ़ निवासी कमलेश कुमार ने फोरम में द ब्रिटिश स्कूल सैक्टर-44बी और प्रिंसीपल के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि स्कूल की एडवरटाइजमैंट देखने के बाद वह अपने दो बच्चों की एडमिशन करवाने स्कूल गए। उन्होंने अपने बेटे आर्यन कुमार की सातवीं और बेटी पूजा कुमारी की नौंवी कक्षा में एडमिशन करवानी थी।
इसके लिए उन्होंने एक हजार रुपए प्रत्येक के लिए रजिस्ट्रेशन फीस भी जमा करवाई। इसके बाद उन्होंने अप्रैल और मई माह के लिए 9 हजार रुपए प्रत्येक के लिए भी फीस जमा करवाई। इसके अलावा बच्चों की एडमिशन के लिए उन्होंने 81 हजार रुपए का एक चैक भी स्कूल को जारी किया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि दो दिन बाद उन्हें पता चला कि स्कूल नौंवी कक्षा तक है, इसलिए उन्होंने अपने बच्चों का नाम विदड्रा करने का फैसला लिया। उन्होंने इसके लिए एप्लीकेशन दी और रजिस्ट्रेशन फीस काटने के बाद फीस रिफंड करने की मांग की।
इसके अलावा फीस के लिए स्कूल को जारी किए गए चैक की भी पेमैंट उन्होंने स्टॉप करवा दी। हालांकि इसके बाद भी स्कूल ने राशि वापिस नहीं की, जिसके बाद लीगल नोटिस भी भेजा गया और उन्होंने इस संबंध में फोरम में शिकायत दी।
स्कूल ने कहा, सपष्ट किया था कि फीस रिफंडेबल नहीं है
स्कूल ने फोरम में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एडमिशन फार्म साइन करते समय ही शिकायतकर्ता को साफ किया गया था कि फीस रिफंडेबल नहीं है, इसलिए उन्होंने सेवा में कोई कोताही नहीं बरती है। वहीं फोरम ने शिकायतकर्ता के उन दावों को सही नहीं माना, जिसमें उसने कहा कि ये मिडिल स्कूल है, इसलिए उसने अपने बच्चों की एडमिशन विदड्रा करने का फैसला लिया।
फोरम ने कहा कि स्कूल ने सैकेंडरी स्कूल एग्जामिनेशन के लिए सी.बी.एस.ई. द्वारा जारी प्रोविशनल एफिलिएशन लैटर पेश किया है। फोरम ने स्कूल का ये दावा नहीं माना कि शिकायतकर्ता के बच्चों के कारण उनकी ये सीट खाली पड़ी रही, जिससे उन्हें हानि का सामना करना पड़ा। फोरम ने कहा कि इसे लेकर स्कूल कोई भी वेटिंग लिस्ट से संबंधित रिकार्ड पेश नहीं कर पाया है।