NGT ने JP प्रबंधन को लगाई कड़ी फटकार, कहा - 6 जून तक स्पष्ट करें प्लांट चलाना चाहते हैं या नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2017 09:41 AM

national green tribunal

नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने आज चंडीगढ़ में गार्बेज प्लांट स्थापित करने वाली कंपनी जे.पी. एसोसिएट्स को कचरे का निष्पादन न करने के लिए फटकार लगाई।

चंडीगढ़(राय) : नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने आज चंडीगढ़ में गार्बेज प्लांट स्थापित करने वाली कंपनी जे.पी. एसोसिएट्स को कचरे का निष्पादन न करने के लिए फटकार लगाई। आज दिल्ली में एन.जी.टी. की बैंच की सुनवाई के दौरान न्यायपूर्ति स्वतंत्र कुमार ने प्लांट प्रबंधकों से कहा है कि वह आगामी 6 जून तक स्पष्ट करें कि वह प्लांट चलाना भी चाहते हैं कि नहीं। 

 

गत सप्ताह भी सुनवाई के दौरान प्लांट प्रबंधकों ने एन.जी.टी. को आश्वासन दिया था कि उनका प्लांट पूरी तरह से चल रहा है जबकि चंडीगढ़ नगर निगम ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए तो उनमें स्पष्ट था कि प्लांट करीब करीब बंद है। आज सुनवाई के दौरान जे.पी. एसोसिएट्स के वकील ने पुन: दावा किया कि प्लांट प्रतिदिन 400 टन के करीब कचरा ले रहा है व उसका निष्पादन भी कर रहा है। 

 

निगम की वकील दीपाली ने आंकड़ों व तस्वीरों के माध्यम से एन.जी.टी. की बैंच को बताया कि प्लांट के भीतर का हर कोना कचरे से भरा है क्योंकि वहां निष्पादन नहीं हो रहा है। उन्हें बताया गया कि उक्त ग्रीन टेक सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट बंद होने की कगार पर है व इन दिनों प्रतिदिन वह 10 से 15 टन कचरे का ही निष्पादन कर रहा है। ज्ञात रहे कि पिछली सुनवाई के दौरान एन.जी.टी. की बैंच को ट्रिब्यूनल द्वारा ही तैनात विशेष आयुक्त ए.आर. टक्कर ने भी दी थी। आज बैंच ने प्लांट प्रबंधकों को स्पष्ट करने को कहा कि वह प्लांट चलाने का इरादा भी रखते हैं या नहीं। 

 

एन.जी.टी. की बैंच का कहना था कि कभी प्लांट प्रबंधक यह तर्क देते हैं कि वह टिप्पिंग शुल्क के बिना प्लांट चलाने की स्थिति में नहीं हैं। पिछली सुनवाई में उन्होंने कहा कि वह बिना पैसे के प्लांट को पूरी तरह से चलाएंगे। एन.जी.टी. ने यह जानकारी भी मांगी कि इन दिनों प्लांट में ऑपरेटर तैनात भी है या नहीं?

 

प्लांट लगभग बंद है : वकील
निगम की वकील ने एन.जी.टी. को बताया कि प्लांट लगभग बंद है व कचरा इधर उधर फैंका जा रहा है। उनका कहना था कि प्लांट प्रबंधकों की मंशा को भांपते हुए निगम ने नए आप्रेटर की व्यवस्था भी कर ली थी पर जे.पी. एसोसिएट्स ने उन्हें यह कहकर टेकओवर नहीं करने दिया कि पहले उन्हें वहां लगी मशीनों की कीमत अदा की जाए। निगम की वकील का कहना था कि जे.पी. एसोसिएट्स से निगम ने 30 वर्ष का करार किया ता व इन्हें भूमि उपलब्ध करवाई गई थी। अब इन्हें मशीनों की कीमत का आंकलन करवाना है तो या तो समयावधि के बाद होगा या फिर यह आॢबट्रेशन में जा सकते हैं। 

 

एन.जी.टी. की बैंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्लांट प्रबंधकों से आगामी 6 जून तक यह स्पष्ट करने को कहा है कि वह प्लांट चलाना भी चाहते हैं या नहीं? आज जो आंकड़े एन.जी.टी. में प्रस्तुत किए गए उनके अनुसार गत अप्रैल माह से अब तक प्लांट प्रबंधन लगभग 714 टन कचरा डंपिंग ग्राऊंड में फैंक चुका है। आंकड़ों के अनुसार गत 50 दिनों में प्लांट में प्रतिदिन 10-15 टन कचरे का ही निष्पादन हुआ बाकी का कचरा डंपिंग ग्राऊंड में फैंका जा रहा है जहां लैंड फिलिंग व अचानक लगने वाली आग भी निगम की परेशानी का कारण बन गई है। एन.जी.टी. ने गत माह भी गारबेज प्लांट को नोटिस भेजकर स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। 

 

एन.जी.टी. ने शिमला नगर निगम को भी नोटिस भेज कर जानकारी मांगी थी कि वहां कितना कचरा प्रतिदिन होता है व उसका निष्पादन कैसे किया जाता है। निगम ने प्लांट को चलाने के लिए बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) के मार्स ग्रुप से बात की है पर पिछले दिनों इन्हें प्लांट का हस्तांतरण रोकने के लिए जे.पी. एसोसिएट्स ने जिला अदालत से स्टे आर्डर भी लिया था। उनका कहना है कि जब तक उन्हें मशीनों की कीमत नहीं मिल जाती वह किसी अन्य कंपनी को टेकओवर नहीं करने देंगे।

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