Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 20 Jun, 2022 08:33 PM
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय निकायों में किए जा रहे विकास कार्यों की गुणनात्मक मॉनिटरिंग की जाए और हर माह समीक्षा बैठक कर सभी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाए, ताकि आवंटित निधि का उपयुक्त उपयोग...
चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय निकायों में किए जा रहे विकास कार्यों की गुणनात्मक मॉनिटरिंग की जाए और हर माह समीक्षा बैठक कर सभी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाए, ताकि आवंटित निधि का उपयुक्त उपयोग सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, हर परियोजना के लिए अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, ताकि परियोजनाओं का कार्यान्वयन जल्द और निश्चित समयावधि में पूर्ण हो सके। संजीव कौशल आज यहां हाई लैवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत स्थानीय निकायों को मिले अनुदान के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। बैठक में स्थानीय निकायों द्वारा पिछले वर्ष में विकास कार्यों पर खर्च की गई राशि और आगामी वर्ष की कार्य योजनाओं पर चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय निकायों द्वारा किए जा रहे कार्यों के स्तर के अनुसार जिलों की रैंकिग तैयार की जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस जिले में कितना कार्य पूर्ण हो चुका है या प्रगति पर है और पूर्ण होने की समय सीमा क्या है। बैठक में निर्णय लिया गया कि एन.सी.आर. जिलों के लिए विशेष ऑडिट टीम बनाई जाएगी, जो सभी कार्यों का गुणनात्मक मूल्यांकन करेगी। सभी विभाग उनके द्वारा की गई बेस्ट प्रैक्टिस को भी अन्य विभागों के साथ साझा करें।
15वें वित्त आयोग द्वारा हरियाणा राज्य को 63,098 करोड़ के अनुदान की सिफारिश
बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि 15वें वित्त आयोग द्वारा 5 साल की अवधि के लिए हरियाणा राज्य को 63,098 करोड़ रुपए देने की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि विकास एवं पंचायत विभाग को ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 5 साल की अवधि के लिए 4929 करोड़ रुपये के अनुदान आवंटित किया है, जिसमें से 60 प्रतिशत राष्ट्रीय प्राथमिकताओं जैसे पेयजल आपूर्ति, वर्षा के पानी का संचयन और स्वछता के लिए निर्धारित हैं जबकि 40 प्रतिशत का उपयोग मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए किया जा रहा है। विकास एवं पंचायत विभाग को वर्ष 2021-22 में 467.50 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था।
इसी प्रकार, वर्ष 2022-23 के लिए 968 करोड़ रुपये के अनुदान आवंटित किया गया है। इसी प्रकार शहरी स्थानीय निकाय विभाग को शहरी स्थानीय निकायों के लिए 5 साल की अवधि के लिए 2520 करोड़ रुपये के अनुदान आवंटित किया है, जिसमें से 60 प्रतिशत का उपयोग मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए किया जा रहा है। इसमें से 50 प्रतिशत राशि स्वछता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इत्यादि के लिए किया जा रहा है। पेयजल आपूर्ति, वर्षा के पानी का संचयन और पानी के पुन: उपयोग के लिए संचालित परियोजनाओं पर भी खर्च किया जाएगा। फरीदाबाद के लिए आवंटित ग्रांट का उपयोग वायु गुणवत्ता में सुधार और बेहतर जलापूर्ति तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जा रहा है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एंटी स्मोक गन की खरीद की जा रही है। हरियाली को बढ़ावा दिया जा रहा है और सड़कों की मरम्मत की जा रही है। इसके अलावा, माइक्रो एस.टी.पी. बनाए जा रहे हैं।