Edited By ashwani,Updated: 11 Sep, 2021 01:08 AM
बद्दी से आने-जाने वालों को वाया पिंजौर जाना पड़ा, न्यू चंडीगढ़ एरिया पुलिस छावनी में तब्दील
नयागांव, (मुनीष जोशी) : पंजाब रोडवेज, पनसप और पी.आर.टी.सी. कंडक्टर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए शुक्रवार को न्यू चंडीगढ़ में पंजाब के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह के फार्म हाऊस का घेराव करने पहुंचे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सिसवां टी प्वाइंट पर ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने वहीं पर धरना दिया।
पुलिस ने चारों तरफ बैरीकेड लगाकर नाकाबंदी कर दी। सुबह 7 बजे सिसवां-बद्दी मार्ग को बंद कर दिया गया था, जिसे शाम 5 बजे खोला गया। 10 घंटे तक बद्दी से कुराली और चंडीगढ़ आने वाले और यहां से बद्दी की ओर जाने वाले वाहन चालकों को गांवों के रास्ते से गंतव्य की ओर जाना पड़ा। कई वाहन चालक यहां फंसे। सिसवां टी प्वाइंट पर भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एरिया में पुलिस के उच्च अधिकारी भी पूरा दिन मौजूद रहे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा था। इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।
कुराली से आने वालों को बूथगढ़-तोगां रोड से भेजा
कुराली की ओर से आने वाले वाहन चालकों को बूथगढ़ लाइटों से तोगां बूथगढ़ मार्ग की ओर से चंडीगढ़ की ओर भेजा जा रहा था। वहीं पुलिस ने बूथगढ़ लाइटों पर ही बैरीकेड लगाकर सिसवां वाली सड़क को बंद कर दिया था। चंडीगढ़ से जाने वाले वाहन चालकों को पुलिस ने ओमैक्स ट्रैफिक लाइट के पास बैरीकेट लगाकर रोक दिया। यहां पुलिस ने रास्ता बंद कर रखा था। हिमाचल जाने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई वाहन चालक तो बूथगढ़ मार्ग पर आकर ही फंस गए जो धरना समाप्त होने के बाद ही हिमाचल के लिए रवाना हुए।
जारी रहेगा संघर्ष
कुराली, (बठला): पंजाब रोडवेज पनबस और पी.आर.टी.सी. कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब की तरफ से अपनी मांगों संबंधी सरकार के साथ मीटिंग बेनतीजा रहने के बाद सिसवां स्थित सी.एम. रिहायश के पास अनिश्तिकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। सूबा प्रधान रेशम सिंह गिल ने कहा कि कई साल से पनबस और पी.आर.टी.सी. ट्रांसपोर्ट के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा है। जब तक हमारी मांगें, पूरी नहीं होती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
बद्दी से आने वाले सिसवां में रोके
पुलिस ने गांव सिसवां के गुरुद्वारे के पास बैरीकेड लगा रास्ते को बंद कर दिया। कई चालक तो कई घंटे रास्ता खुलने का इंतजार करते रहे तो कई पिंजौर होकर व अन्य रास्तों से चंडीगढ़ पहुंचे।