Edited By pooja verma,Updated: 20 Apr, 2019 10:25 AM
लाखों रुपए खर्च करके नई गाड़ी खरीदी, लेकिन उसकी छत पर खुरदरापन निकला और शिकायत के बाद भी इस संबंध में कार्रवाई न करना कंपनी को महंगा पड़ गया।
चंडीगढ़ (राजिंद्र) : लाखों रुपए खर्च करके नई गाड़ी खरीदी, लेकिन उसकी छत पर खुरदरापन निकला और शिकायत के बाद भी इस संबंध में कार्रवाई न करना कंपनी को महंगा पड़ गया। फोरम ने कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार देते हुए मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपए हर्जाना और 10 हजार रुपए मुक दमा खर्च देने के निर्देश दिए हैं।
आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिन के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो कंपनी को मुआवजा राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 ने सुनवाई के दौरान जारी किए। फरीदकोट निवासी गुरमेल सिंह सेखों ने फोरम में महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, मुंबई और हरबीर ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड, इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-1 चंडीगढ़ के खिलाफ शिकायत दी थी।
वाशिंग के दौरान चला पता
गुरमेल सिंह ने बताया कि 10 सितम्बर 2017 को उसने हरबीर ऑटोमोबाइल से महिंद्रा स्कार्पियो गाड़ी खरीदी। इसके लिए 13 लाख 77 हजार 776 रुपए अदा किए। 11 सितम्बर 2017 को उन्होंने पाया कि गाड़ी का ब्लोअर कंट्रोलर काम नहीं कर रहा था।
कंपनी ने इस समस्या के हल का वायदा किया, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की। व्हीकल का नैशनल इंश्योरैंस कंपनी लिमिटेड से बीमा था। इसके कुछ दिन बाद शिकायतकर्ता सर्विस स्टेशन पर गाड़ी की वॉशिंग के लिए गया। इस दौरान एक कर्मचारी ने गाड़ी की छत पर डेंट और जंग लगा हुआ पाया।
इसे शिकायतकर्ता ने भी नोटिस किया, जिसके बाद कंपनी के हैल्पलाइन नंबर पर उन्होंने संपर्क किया। गाड़ी को चैक किया गया और सर्विस स्टेशन के कर्मचारी ने कहा कि डेंट को फिक्स करने की जरुरत है, जिसके बाद इसे दोबारा पेंट करना होगा। शिकायतकर्ता ने 29 सितम्बर 2017 को ई-कंपलेंट भेजी, लेकिन बावजूद इसके कोई फायदा नहीं हुआ।
मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं था
दूसरे दोनों पक्षों ने फोरम में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने सेवा में कोई कोताही नहीं बरती। फोरम ने भी गाड़ी की इंस्पैक्शन करवाई। फोरम ने अपने आदेशों में कहा कि उन्होंने रिकार्ड देखा, जिसमें यही सामने आया कि व्हीक ल में कोई भी मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं था।
केस के दौरान व्हीकल 25 हजार किलोमीटर भी चल गया। गाड़ी की छत पर थोड़ा खुदरापन या जंग लगा हुआ है और सेवा में कोताही के लिए ही शिकायतकर्ता को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए।