नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने की गोलियों की सप्लाई का विवाद: हाइकोर्ट ने पूछा, सरकार बदलते ही टैंडर प्रक्रिया कैसे बदल सकती है ?

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 04 Aug, 2022 08:30 PM

new tenders have been withdrawn old company will continue to supply

पंजाब में सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्रों में सप्लाई होने वाली नशा छुड़ाने की गोलियों की टैंडर प्रक्रिया को लेकर पैदा हुआ विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। सरकार बदलने के बाद पुरानी कंपनी का टैंडर रद्द किए बिना सरकार ने...

चंडीगढ़,(रमेश हांडा): पंजाब में सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्रों में सप्लाई होने वाली नशा छुड़ाने की गोलियों की टैंडर प्रक्रिया को लेकर पैदा हुआ विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। सरकार बदलने के बाद पुरानी कंपनी का टैंडर रद्द किए बिना सरकार ने गोलियां सप्लाई करने का टैंडर निकाल दिया। पुरानी सप्लायर कंपनी ने सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची ने कोर्ट को बताया गया कि उक्त दवा बहुत ही खास होती है, जिसकी सप्लाई नहीं रुकनी चाहिए। दवा के लिए आने वाले रॉ-मैटीरियल को भी केंद्र सरकार जांच के बाद जारी करती है और निर्माता कंपनी को लाइसैंस भी कई कंडीशन के तहत जारी होता है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार किसी खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब कर रही है जिसके लिए निर्धारित नियमों में भी बदलाव कर दिया गया है। जी.एम.पी. डब्ल्यू.एच.ओ. के नियम भी बदले गए हैं, जो भविष्य में घातक हो सकता है। 

 


सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कोर्ट में अंडरटेकिंग देते हुए स्वीकार किया था कि वह सप्लायर कंपनी की रीप्रैजैंटेशन पर विचार करेंगे और जरूरत हुई तो टैंडर की समयसीमा भी बढ़ा दी जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो कानून के तहत नई टैंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने 22 जुलाई को याचिका का निबटारा कर दिया था। आदेशों के बाद पंजाब हैल्थ कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरैक्टर के साथ नशा छुड़ाने की दवा सप्लाई कर रही कंपनी माइक्रोन फार्मास्यूटिकल कंपनी के अधिकारियों की मीटिंग हुई, जिसमें कंपनी के रेट अधिक होने की बात कही गई थी। इस पर कंपनी ने सफाई भी दी थी कि टैंडर के मुताबिक वह रेट कम या अधिक नहीं कर सकते। मीटिंग के बाद पुराना टैंडर रद्द किए बिना 28 जुलाई को सरकार ने एक बार फिर से नया टैंडर निकाल दिया। 

 


सरकार की उक्त कार्रवाई को हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना बताते हुए कंपनी ने फिर हाईकोर्ट में एप्लीकेशन दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि सरकार बदलते ही टैंडर प्रक्रिया कैसे बदल सकती है? पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने जवाब में कोर्ट को बताया कि सरकार ने जो 2 नए टैंडर किए हैं, उसे रद्द कर दिया गया है। कोर्ट को आश्वस्त किया गया कि पुराना टैंडर कानूनन रद्द किए बिना नया टैंडर नहीं निकाला जाएगा। बहरहाल पुरानी कंपनी ही दवा की सप्लाई करती रहेगी। 

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