निगम को सर्दियों के बीच में आई रैन बसेरे की याद, कंपनियों से मांगे आवेदन

Edited By Priyanka rana,Updated: 09 Dec, 2019 01:03 PM

night shelters

चंडीगढ़ नगर निगम को अब जाकर रैन बसेरे तैयार करने की याद आई है। निगम ने इस संबंध में कंपनियों से आवेदन मांगे हैं और दावा किया है कि इसी माह शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर रैन बसेरे तैयार कर दिए जाएंगे।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ नगर निगम को अब जाकर रैन बसेरे तैयार करने की याद आई है। निगम ने इस संबंध में कंपनियों से आवेदन मांगे हैं और दावा किया है कि इसी माह शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर रैन बसेरे तैयार कर दिए जाएंगे। 

निगम के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें संबंधित विभाग से अब जाकर ये रैन बसेरे तैयार करने की परमिशन मिली है, जिसके बाद ही उन्होंने इन्हें लगाने का प्रोसैस शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन माह के लिए ये रैन बसेरे लगाए जाएंगे और 1.37 करोड़ में इसका काम पूरा किया जाएगा। इस संबंध में इच्छुक एजैंसियां 12 दिसम्बर तक अपने आवेदन दे सकती हैं। 

निगम द्वारा बेघर लोगों के लिए ये शैल्टर लगाए जाते हैं, ताकि वहां जाकर वह इसमें रात गुजार सकें। पहले ही निगम ने इसमें देरी कर दी। पी.जी.आई., चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन, जी.एम.सी.एच.-32, आई.एस.बी.टी.-17 और 43 बस स्टैंड, चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन और ट्रांसपोर्ट एरिया में हजारों लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। 

हर बार ही बनाए जाते हैं रैन बसेरे :
निगम द्वारा हर साल ही शहर के प्रमुख सैक्टरों में रैन बसेरे बनाए जाते हैं, जिसमें शहर के प्रमुख अस्पताल और मार्कीट शामिल हैं। निगम द्वारा सैक्टर-22 मार्कीट, जी.एम. सी.एच.- 32, सैक्टर-19 शनि मंदिर के पास, सैक्टर-20 में लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास, सैक्टर-12 पी.जी.आई. में दो रैन बसेरे, सैक्टर-43 आई.एस.बी.टी., सैक्टर-30 में साईं बाबा मंदिर के पास, सैक्टर-9 डी हाऊसिंग बोर्ड के पास, सैक्टर-16 मार्कीट में ये रैन बसेरे बनाए जाते हैं। 

आई.एस.बी.टी.-17 में भी है रैन बसेरा :
आई.एस.बी.टी.-17 पर नियमित तौर पर रैन बसेरा बना है। अमूमन इस रैन बसेरे में रुकने पर अधिक चार्ज लिया जाता है, लेकिन दूसरे सभी रैन बसेरे शुरू होने के बाद इसे भी नि:शुल्क किया जा सकता है या फिर इसके चार्जेस भी कुछ कम किए जा सकते हैं। अभी कई मार्कीट और पार्किंग में ऑटो-रिक्शा चालक और मजदूर रात गुजारते हैं। कुछ मार्कीट के बरामदों में सोने को मजबूर हैं। 

इन सब लोगों की दिक्कतों के कारण ही प्रशासन जगह- जगह रैन बसेरे बना रहा है। इस संबंध में फैडरेशन ऑफ सैक्टर वैल्फेयर एसोसिएशन के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ने कहा कि ये रैन बसेरे सर्दी के मौसम से पहले ही स्थापित किए जाने चाहिए और तभी जाकर इसका मकसद पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि ठंड काफी हो गई है, ऐसे में मजदूर और अन्य बेघर लोग खुले में सोने के लिए मजबूर हैं।  

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