Edited By pooja verma,Updated: 22 Oct, 2019 10:44 AM
पंजाब यूनिवर्सिटी में सैंटर फॉर एडवांस इन एजुकेशन एवं मैनेजमैंट सैंटर की बिल्डिंग का नक्शा पास करने चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भेजे हुए 10 माह का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक नक्शा पास नहीं हो पाया है। वहीं पी.यू. प्रबंधन का कहना है कि जब नक्शा पास हो...
चंडीगढ़ (रश्मि): पंजाब यूनिवर्सिटी में सैंटर फॉर एडवांस इन एजुकेशन एवं मैनेजमैंट सैंटर की बिल्डिंग का नक्शा पास करने चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भेजे हुए 10 माह का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक नक्शा पास नहीं हो पाया है। वहीं पी.यू. प्रबंधन का कहना है कि जब नक्शा पास हो जाएगा उसके बाद काम शुरू हो जाएगा।
बता दें कि यह सैंटर सैक्टर-25 में पब्लिक हैल्थ की बिल्डिंग में बनाया जाएगा। इसमें करीब 4 करोड़ की लागत आएगी। जानकारी के मुताबिक जनवरी 2019 में यह नक्शा पास करने के लिए प्रशासन के पास भेजा गया था। प्रशासन के पास से नक्शा पास होने से पहले 8 से 9 सैंक्शन से होकर गुजरता है।
इस बीच अगर किसी सैंक्शन की ओर से नक्शे पर ऑब्जैक्शन लग जाए तो फिर नक्शे मेें मोडिफिकेशन करके भेजी जाती है। नक्शे को 7 से 8 माह का समय लगना मामूली बात है। नक्शा पास होने में देरी लगने के कारण पी.यू. प्रबंधन की ओर से भी बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरी होने में काफी देरी लग हो जाती है।
पहले पी.यू. बिल्डिंग कमेटी करती थी नक्शे पास
बता दें कि पहले यू.जी.सी. की गाइड लाइन के तहत पी.यू. बिल्डिंग कमेटी होती थी। कमेटी में टैक्नीकल ऑफिसर, पंजाब और यू.टी. के चीफ अॅार्कीटैक्ट व कई सेवानिवृत ऑफिसर शामिल होते थे। यह कमेटी पी.यू. की ओर से बनाए गए नक्शे को पास करती थे। कमेटी की ओर से नक्शा पास करने में इतना लंबा समय नहीं लगता था। सारे पक्षों की जांच कर ही नक्शा पास होता था, लेकिन नियमों में बदलाव के बाद से नक्शा पास करवाने की प्रक्रिया ही बहुत लंबी हो गई है।
वहीं गर्ल हॉस्टल नंबर-10 का काम शुरू होने से पहले इसका नक्शा पहली बार चंडीगढ़ प्रशासन के पास भेजा गया था। पिछले तीन वर्षोंं से नक्शे चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पास करवाए जा रहे हैं। पी.यू. में बन रहीं ह्यूमन रिसोर्स डिवलैपमैंट बिल्डिंग का कार्य भी नक्शा पास होने के बाद शुरू हो पाया था। इस बिल्ंिडग की एक फ्लोर को 25 हजार क्वायर फीट में बनाया जा रहा है। गल्र्स हॉस्टल नंबर-11 का निमार्ण कार्य भी तेजी से चल रहा है। पी.डब्ल्यू.डी. पार्किंग का काम भी चल रहा है।