प्रशासन के उच्चाधिकारियों की दलील, सही तरीके से चलाएंगे डड्डूमाजरा वेस्ट प्लांट

Edited By pooja verma,Updated: 31 Oct, 2019 12:39 PM

officials of administration daddumajra west plant will run properly

चंडीगढ़ प्रशासन डड्डूमाजरा वेस्ट प्लांट को चलाने के मूड में दिखाई दे रहा है।

चंडीगढ़ (साजन): चंडीगढ़ प्रशासन डड्डूमाजरा वेस्ट प्लांट को चलाने के मूड में दिखाई दे रहा है। प्रशासन को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से हरी झंडी का इंतजार है। फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी मंथन कर रहे हैं कि अगर इस वेस्ट प्लांट को चलाने का जिम्मा उनके सुपुर्द कर दिया जाए तो शहर के कूड़े का किस तरीके से निस्तारण करना है। बीते दिनों जे.पी. एसोसिएट पर 1 करोड़ रुपए की प्रशासन ने भारी भरकम पैनलटी लगाई थी, तब से तो कंपनी ने बिलकुल ही काम बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ प्रशासन गंभीरता से इस पर विचार कर रहा है कि ड्डडूमाजरा का वेस्ट प्लांट चलाने के लिए अगर उन्हें मिल जाए तो वह इसे बखूबी चला सकते हैं।  सीधे तौर पर तो प्रशासन के उच्चाधिकारी नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को इस बाबत लिखने से हिचकिचा रहे हैं लेकिन बताया जा रहा है कि अलग अलग चैनल से इस बात को एन.जी.टी. के समक्ष पहुंचाया जा रहा है। 


 

रोजाना प्लांट में गिराया जा रहा 450 मीट्रिक टन से अधिक वेस्ट 
डड्डूमाजरा वेस्ट प्लांट को लेकर पहले ही बहुत विवाद खड़ा हो चुका है। शहर से रोजाना 450 मीट्रिक टन से अधिक वेस्ट रोजाना डड्डूमाजरा वेस्ट प्लांट में गिराया जाता है। जे.पी. एसोसिएट को इस कूड़े को ठिकाने लगाने का ठेका दिया गया था लेकिन डड्डूमाजरा में कूड़े के पहाड़ बनते रहे लेकिन कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाया। जे.पी. एसोशिएट ने ने शर्तों के मुताबिक कूड़े से खाद बनानी थी। जब कूड़े को डंप किया जाने लगा तो यह आम लोगों के लिए मुसीबत बनता चला गया। 
     

यहां न केवल बदबू उठने लगी बल्कि आसपास के लोग इस बदबू से परेशान होने लगे। लोग इसकी बदबू से परेशान होकर सड़कों पर निकले लेकिन प्रशासन अभी तक इस कूड़े के पहाड़ को ठिकाने लगाने का कोई प्लान नहीं बना सका है। प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर से लेकर एडवाइजर मनोज परिदा व इससे पहले के अधिकारी यहां का दौरा कर चुके हैं लेकिन कोई हल निकलता नहीं दिख रहा। बुधवार को निगम की बैठक में इस मसले पर पार्षदों ने दोबारा आवाज उठाई लेकिन प्रशासन फिलहाल तो इस कूड़े को उठाने में पस्त दिख रहा है।

 

जमीन देने में पंजाब ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
बीते दिनों चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर का रोजाना एकत्रित होने वाला 350 टन से ज्यादा कूड़ा गिराने के लिए पंजाब सरकार से जमीन दिए जाने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि पंजाब से जुड़े बहुत बड़ी तादाद में लोग चंडीगढ़ में रहते हैं लेकिन प्रशासन के इस प्रोपोजल पर पंजाब ने कोई रुचि नहीं दिखाई। फिलहाल सबसे पहले तो अगर यहां से वेस्ट प्लांट हटाना है तो उसके लिए कोई मुफीद जगह प्रशासन को ढूंढनी होगी। जगह न मिली तो समस्या का हल जल्दी होता नहीं दिख रहा। यू.टी. प्रशासन के उच्चाधिकारी वेस्ट प्लांट को चलाने में बहुत रुचि दिखा रहे हैं। हो सकता है कि प्रशासन के पास इस प्लांट को चलाने का कोई प्लान हो। 


 

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