पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के एक लाख वकील कल वर्क रखेंगे सस्पैंड

Edited By bhavita joshi,Updated: 11 Feb, 2019 12:05 PM

one lakh lawyers of punjab haryana and chandigarh

कई सालों से मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे वकीलों ने अल्टीमेटम दिया कि 12 फरवरी तक अगर उन्हें कोई तसल्लीबख्श जवाब सरकार से नहीं मिलता तो हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के वकील सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।

चंडीगढ़(रमेश): कई सालों से मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे वकीलों ने अल्टीमेटम दिया कि 12 फरवरी तक अगर उन्हें कोई तसल्लीबख्श जवाब सरकार से नहीं मिलता तो हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के वकील सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। यह घोषणा पंजाब हरियाणा बार कौंसिल के चेयरमैन विजेंद्र अहलावत ने की। अहलावत ने बताया कि बार काऊंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वकीलों और याचिकाकर्त्ताओ के लिए योजना बनाने की अपील की थी। मिश्रा के पत्र पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं आई जिसके बाद बार काऊंसिल ऑफ इंडिया, सभी स्टेट बार काऊंसिल के प्रतिनिधि, सभी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की एक बैठक दिल्ली में हुई। 

बैठक में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की गई है। इसके तहत सभी बार एसोसिएशन 11 फरवरी को मांंगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र देंगी। सभी जिला उपमंडल स्तर पर वकील अपनी मांगों को लेकर मांग पत्र देंगे। 12 फरवरी को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वकील हाईकोर्ट से गवर्नर हाऊस तक पैदल मार्च करेंगे और चंडीगढ़ के प्रशासक व पंजाब के राज्यपाल को मैमोरैंडम दिया जाएगा। अहलावत ने कहा कि बार-बार मांगें दोहराने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने वकीलों के लिए अपने कान बंद कर दिए हैं। 


अब समय आ गया है कि वकील अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़क पर उतरें। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में सभी दलों से अपने घोषणा पत्र में वकीलों के लिए आवास, चिकित्सा, बीमा, पैंशन आदि को रखने की भी मांग की जाएगी। 12 फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रोटैस्ट किया जाएगा। 12 फरवरी को पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के एक लाख के करीब वकील वर्क सस्पैंड रखेंगे। प्रैस वार्ता दौरान सचिव एच.एस. बराड़ बार काऊंसिल के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह, जयवीर यादव, राकेश गुप्ता, करनजीत, बी.एस. सैनी, सुवीर सिधू भी मौजूद थे।

यह हैं वकीलों की लंबित मांगें 
-देश की सभी बार एसोसिएशन में पर्याप्त बिल्डिंग, वकीलों को बैठने का स्थान, लाइब्रेरी, ई लाईब्रेरी, इंटरनैट आदि की सुविधा मुहैया करवाई जाए। 
-केंद्र सरकार वकीलों और याचिकाकर्ताओं के कल्याण के लिए बजट में 5 हजार करोड़ का प्रावधान करे। 
-वकील व उनके परिवार का बीमा करवाया जाए। 
-नए और जरूरतमंद वकीलों को पहले पांच साल तक मदद के रूप में 10  हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाए।
-किसी हादसे की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। 
-बजट प्रावधान की राशि बांटने का अधिकार बार काऊंसिल को दिया जाए। राज्य में ए.जी. की अगुवाई में कमेटी को इसके उपयोग की जिम्मेदारी दी जाए।
-वकील आकस्मिक मृत्यु पर उसके परिवार को पचास लाख का  मुआवजा दिया जाए। 
-विभिन्न ट्रिब्यूनल, फोरम, कमीशन आदि में पूर्व जजों के अतिरिक्त योग्य वकीलों को भी सदस्य बनाने का प्रावधान किया जाए। 
-टोल टैक्स पर वकीलों को टैक्स की छूट। 
-याचिकाकर्त्ताओं के कल्याण के लिए की भी योजना बनाने की मांग।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!