40 स्कूलों में 2000 बच्चों को पंजाबी पढ़ाने लिए सिर्फ 9 टीचर

Edited By pooja verma,Updated: 18 Sep, 2019 03:34 PM

only 9 teachers for 2000 punjabi children in 40 schools

शहर के स्कूलों में पंजाबी लैक्चरारों की कमी है।

चंडीगढ़ (वैभव): शहर के स्कूलों में पंजाबी लैक्चरारों की कमी है। पंजाब की राजधानी होने की वजह से यहां पर पंजाबी भाषा अपना खास स्थान रखती है, लेकिन शिक्षा विभाग का इस सब्जैक्ट की और ध्यान ही नहीं है। पंजाबी लैक्चरारों की कमी के  कारण स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

 

शहर में 114 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूलों की संख्या 40 है। इनमें करीब 2000 स्टूडैंट्स पंजाबी विषय को पढ़ते हैं, लेकिन  स्कूलों में केवल 9 पंजाबी लैक्चरार ही बच्चों को  पढ़ा रहे हैं, यानि 222 बच्चों पर 1 लैक्चरार। यही नहीं शहर के सभी सरकारी स्कूलों में सिर्फ 14 ही पंजाबी के लैक्चरार हैं। 

 

कई स्कूलों में टी.जी.टी. टीचर पढ़ा रहे पंजाबी
सूत्रों के अनुसार जिन स्कूलों में पंजाबी के लैक्चरार नहीं हैं, उनमें टी.जी.टी. टीचर्स ग्यारवीं और बाहरवीं क्लास को पढ़ा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि शहर के स्कूलों में पंजाबी लैक्चरारों की कमी कोई नई है। यह समस्या लंबे समय से स्कूलों में पेश आ रही है लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

 

 विभाग की इस लापरवाही की वजह से नुकसान बच्चों का हो रहा है। पंजाबी के रिजल्ट पर भी असर स्कूलों में पंजाबी के लैक्चरारों की कमी की वजह से रिजल्ट पर भी इसका असर पड़ रहा है। 3 वर्ष में पंजाबी सब्जैक्ट का ग्राफ नीचे ही गिरता आ रहा है।

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