पंचायत विभाग के चार अधिकारियों की दो वार्षिक पदोन्नतियां रोकने के आदेश

Edited By Priyanka rana,Updated: 08 Dec, 2018 11:27 AM

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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरपंच ग्राम पंचायत रायपुर को सस्पैंड किए जाते समय लगाए गए आरोपों से मुक्त करते हुए चार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।

मोहाली(कुलदीप) : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरपंच ग्राम पंचायत रायपुर को सस्पैंड किए जाते समय लगाए गए आरोपों से मुक्त करते हुए चार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। 

पंचायत विभाग ने इन्हीं आदेशों के मद्देनजर इन चार अधिकारियों की दो वार्षिक पदोन्नितयां रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। इन चार अधिकारियों में महिन्द्र सिंह ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी, मलविन्द्र सिंह ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी, जसवीर सिंह तथा सुच्चा सिंह पंचायत सैक्रेटरी के नाम शामिल हैं।

हाईकोर्ट ने करवाई थी ज्यूडीशियल जांच :
सरपंच मोहन सिंह ने अपनी सस्पैंशन के आदेशों को वर्ष-2015 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट द्वारा इस मामले की ज्यूडीशियल जांच करवाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट में सरपंच के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हो सके। 

रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि सरपंच द्वारा न तो कोई पेड़ कटवाए गए थे और न ही किसी प्राइवेट कंपनी को शामलात जमीन पर कब्जा करवाया गया था। बल्कि सरपंच द्वारा प्राइवेट कंपनी से शामलात जमीन पर किए गए कब्जे को छुड़वाने के लिए हाईकोर्ट में केस दायर किया हुआ है। 

हाईकोर्ट द्वारा सरकारी अधिकारियों तथा पंचों की आपसी मिलीभगत से सरपंच के गलत आरोपों अधीन सस्पैंड करने तथा विभागीय कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए गए थे। इन्हीं आदेशों के आधार पर अनुराग वर्मा वित्त कमिश्नर तथा सैक्रेटरी पंजाब सरकार ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा महिन्द्र सिंह ब्लॉक विकास तथा पंचायत अधिकारी, मलविंद्र सिंह ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी, जसवीर सिंह तथा सुच्चा सिंह पंचायत सैक्रेटरी खिलाफ विभागीय जांच करवा कर इन अधिकारियों की दो वार्षिक पदोन्नितयां बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।

श्मशान घाट से पेड़ काटने तथा अवैध कब्जा करवाने के थे आरोप :
जानकारी के अनुसार मोहन सिंह सरपंच ग्राम पंचायत रायपुर तथा गांव के ही रहने वाले तारा सिंह, गुरदीप सिंह तथा जसपाल कौर पंच द्वारा की गई शिकायत के अधार पर मोहन सिंह सरपंच को विभाग द्वारा सस्पैंड किया गया था। उक्त व्यक्तियों ने सरपंच पर आरोप लगाए थे कि उसने गांव की श्मशान घाट में से पेड़ कटवा कर तथा पंचायत की शामलात जमीन पर एक प्राइवेट कंपनी का कब्जा करवाया था। 

अदालत से मिला इंसाफ :
सरपंच मोहन सिंह ने कहा कि उन्हें अदालत से इंसाफ मिला है। अब वह इन अधिकारियों तथा उसके खिलाफ झूठी शिकायतें करने वाले पंचों खिलाफ अदालत में मानहानि का केस दायर करेंगे।

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