लिटिल डोनर : PGI में 70 घंटे के बच्चे के ऑर्गन डोनेट, 6 घंटे की सर्जरी के बाद किडनी ट्रांसप्लांट

Edited By Priyanka rana,Updated: 21 Feb, 2020 08:45 AM

organ donate of 70 hours baby in pgi

महज 70 घंटे इस दुनिया को देखने के बाद ब्रेन डैड डिक्लेयर हुए एक नवजात बच्चे के ऑर्गन पी.जी.आई. में ट्रांसप्लांट किए गए हैं।

चंडीगढ़(रवि) : महज 70 घंटे इस दुनिया को देखने के बाद ब्रेन डैड डिक्लेयर हुए एक नवजात बच्चे के ऑर्गन पी.जी.आई. में ट्रांसप्लांट किए गए हैं। पी.जी.आई. की हिस्ट्री में यह पहली बार है कि इतने छोटे बच्चे के ऑर्गन किसी मरीज को ट्रांसप्लांट किए गए हैं, बल्कि इंडिया का यह पहला ऐसा मामला है जहां ऑर्गन डोनर पूरे तीन दिन भी जिंदा नहीं रहा। 

पटियाला के रहने वाले परिवार का यह पहला बच्चा (लड़का) था। बच्चे का जन्म राजिंद्रा अस्पताल में हुआ था। जन्म से ही बच्चे का दिमाग डिवैल्प नहीं हुआ था। बुधवार को उसे पी.जी.आई. रैफर किया गया था। परिजनों को उम्मीद थी कि यहां शायद बच्चा ठीक हो सकेगा, लेकिन यहां इलाज के बावजूद हालत गंभीर बनी हुई थी। इसके बाद डाक्टरों ने सभी प्रोटोकॉल को देखते हुए उसे ब्रेन डैड डिक्लेयर कर दिया।

पिता ने किया ऑर्गन डोनेट का फैसला :
पी.जी.आई. में इस तरह का रेयर केस पहले नहीं हुआ तो लिहाजा ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर्स ने भी इसके बारे में नहीं सोचा। वहीं पिता को ऑर्गन डोनेशन के बारे में पता था। उन्होंने खुद पहल करते हुए बेटे के ऑर्गन डोनेशन की बात कही कि क्या इतने छोटे बच्चे के ऑर्गन डोनेट किए जा सकते हैं। 

पी.जी.आई. रीनल ट्रांसप्लांट डिपार्टमैंट के हैड डॉ. आशीष शर्मा के मुताबिक बच्चेे में ट्रांसप्लांट वैसे भी मुश्किल होता है, लेकिन यह बच्चा बहुत ही छोटा था तो मुश्किलें ज्यादा थी। इस तरह के केसों में ऑर्गन को निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है। बच्चे की दोनों किडनी एक 23 साल के युवक को ट्रांसप्लांट की गई हैं। किडनी वक्त के साथ ग्रो होगी। इसमें 3 से 4 साल तक का वक्त लगेगा। 6 घंटे के प्रोसैस में मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट की गई है।

इस साल का 7वां ब्रेन डैड केस :  
पिछले कुछ साल से पी.जी.आई. का कैडेवर प्रोग्राम बहुत सफल हुआ है। किसी भी गवर्नमैंट सैक्टर में इतने बड़े लैवल पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट नहीं किए जा रहे। पी.जी.आई. में इस साल अब तक 7 ब्रेन डैड मरीजों की बदौलत जरूरतमंदों की मदद की जा चुकी है। 

किसी और में जिंदा रहेगा नन्हा फरिश्ता :
बेटे के ऑर्गन डोनेट करने के पीछे पिता की चाहत थी कि उनका बच्चा किसी ओर के अंदर रहकर जिंदा रहेगा। इसी को देखते हुए परिवार ने खुद ऑर्गन डोनेशन की बात कही। 

सबसे उम्रदराज मरीज 75 साल का : 
नवजात जहां पी.जी.आई. हिस्ट्री में सबसे छोटा ऑर्गन डोनर बन गया है, वहीं उम्रदराज डोनर की बात करें तो साल 2016 में 75 साल के मरीज के ब्रेन डैड होने के बाद उसके ऑर्गन जरुरतमंद मरीजों में ट्रांसप्लांट किए गए थे।

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