पी.एफ. ऑफिस में गलत रिकॉर्ड जमा करवाने वाली फर्मों पर फाइनैंशियल फ्रॉड का केस होगा दर्ज

Edited By bhavita joshi,Updated: 21 Nov, 2018 10:07 AM

p f financial fraud case will be filed on firms

चंडीगढ़ के रीजनल प्रोविडैंट फंड आफिस में जिन फर्मों ने ज्यादा पैंशन पाने की चाहत में गलत रिकार्ड उपलब्ध कराया है, उनके खिलाफ पी.एफ. आफिस सख्त कार्रवाई करेगा।

चंडीगढ़ (साजन): चंडीगढ़ के रीजनल प्रोविडैंट फंड आफिस में जिन फर्मों ने ज्यादा पैंशन पाने की चाहत में गलत रिकार्ड उपलब्ध कराया है, उनके खिलाफ पी.एफ. आफिस सख्त कार्रवाई करेगा। ऐसे मामलों को फाइनैंशियल फ्रॉड मानते हुए फर्म पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई जा सकती है। मंगलवार को एडीशनल प्रोविडैंट फंड कमिश्नर वी रंगनाथ ने बताया कि बहुत सी कंपनियों ने इस तरह की हेरफेर की है, जिसे चैक किया जा रहा है। अगर इसके पीछे उद्देश्य गलत पाया गया तो फाइनैंशियल फ्रॉड मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

वी रंगनाथ ने कहा कि उनके आफिस ने हायर पैंशन के 15 नवंबर तक कुल 3200 मामले रिसीव किए थे। इनमें से 2585 को 20 नवम्बर 2018 तक डिमांड लैटर इश्यू कर दिए गए हैं। डिमांड लैटर वह लैटर है जिसके जरिये मुलाजिमों को कहा गया है कि वह पी.एफ. आफिस में वो पैसा वापिस करें जो उन्हें तय 15 हजार की बेसिक सैलरी से ज्यादा की रकम पर काटे गए पी.एफ. से मिला है। जब मुलाजिम पैसा जमा करा देंगे तो तभी उनकी हायर पैंशन तय की जा सकेगी। 

उन्होंने बताया कि कंपनियों से अंडरटेकिंग ली गई है कि अगर उनकी ओर से जमा कराया गया डाटा या रिकार्ड किसी सूरत में गलत पाया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। इस सारे डाटा और रिकार्ड का पोस्ट आडिट या री-चैकिंग की जा रही है। इनफोर्समैंट अफसरों को रिकार्ड व डाटा चैक  करने में लगाया जा रहा है। 

कई कंपनियों का रिकार्ड सीज किया
वी रंगनाथ ने कहा कि डिमांड लैटर के अनुसार पैसा जमा कराने की टाइम लिमिट कोई नहीं है लेकिन जितनी जल्दी पैसा जमा कराया जाएगा उतनी जल्दी हायर पैंशन तय की जा सकेगी और मुलाजिम को मिलने लगेगी। इस काम के लिए स्पैशल डेस्क बनाए गए हैं। कर्मचारी को अपने प्रमाण पत्र इत्यादि साथ लाने होंगे। आधार कार्ड के साथ साथ अन्य पेपर लाने भी जरूरी हैं। बहुत सी ऐसी कंपनियों के रिकार्ड भी सीज किए जिन्होंने अभी तक रिकार्ड नहीं दिया था। डिमांड लैटर के मुताबिक रकम मिलने के बाद मुलाजिम का पी.पी.ओ. जेनरेट होगा। एरियर अगर कहीं रह रहा है तो वह बाद में इंप्लायर से रिकवरी कर ली जाएगी।

सभी संस्थानों को रिमाइंडर भी डाला
पी.एफ. आफिस ने सभी संस्थानों को रिमाइंडर यह भी डाला है कि अगर वह 1 सितम्बर 2014 के बाद 15 हजार से ज्यादा की सैलरी पर पी.एफ. काट रहे हैं तो वह इससे प्रॉब्लम में फंस सकते हैं। उनका ज्यादा रकम पर काटा हुआ पैसा वापिस भेजा जा रहा है। वी रंगनाथ ने बताया कि 1 सितम्बर 2014 से लेकर 31 अगस्त 2015 तक उन मुलाजिमों से पी.एफ. आफिस ने लैटर देने को कहा था जिनका पी.एफ. 15 हजार की रकम से ज्यादा पर कटता था। बहुत से मुलाजिमों का 8 लाख से लेकर 15 से 20 लाख रुपए तक डिमांड लैटर बना है लेकिन यह रकम पी.एफ. आफिस में जमा कराने के बाद मुलाजिमों को काफी बड़ी पैंशन मिलेगी। डिजीटल डेस्क स्थापित करने को लेकर उन्होंने बताया कि मुलाजिमों को प्रमाण पत्र के साथ लाइफ सर्टीफिकेट, डिमांड लैटर की कापी लानी होगी। 

अब तक 3200 केसों में से 2585 का हुआ निपटारा
पी.एफ. आफिस ने 15 नवम्बर 2018 तक कुल 3200 केस रिसीव किए जिसमें से 2585 केसों में 20 नवम्बर को डिमांड लैटर इश्यू कर दिया गया। इनमें मार्कफैड के 523, पंजाब वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट एंड डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन लिमिटेड के 1090, पंजाब स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड के 378 कर्मचारी शामिल हैं। स्पैशल हैल्प डेस्कों पर पहुंचकर पैंशनर अपनी पैंशन के स्टेट्स के संबंध में सुबह 9.30 बजे से शाम 4 बजे तक पूछताछ कर सकते हैं। पहले फ्लोर पर डिमांड लैटर लेने को डेस्क बना है, जहां दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक रकम जमा करा सकते हैं। 

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