पी.यू. के पब्लिकेशन ब्यूरो में कोई भी किताब छपवाने वाले स्कॉलर को मिलेगी रॉयल्टी

Edited By bhavita joshi,Updated: 15 Apr, 2019 12:26 PM

p u publication of any book in scholar s publication bureau will get royalty

पी.यू. के पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से जिन स्कॉलर की किताबें या जर्नल प्रिंट किए जाएंगे, उनकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

चंडीगढ़(रश्मि): पी.यू. के पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से जिन स्कॉलर की किताबें या जर्नल प्रिंट किए जाएंगे, उनकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी पी.यू. के पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से ही लगाई जाएगी। प्रदर्शनी में जिस भी स्कॉलर की किताबें बिकेंगी उसे प्रत्येक किताब पर कुछ फीसदी (रॉयल्टी) दिया जाएगा। किताबें प्रिंट करवाने वाले स्कॉलर को किताबों की बिक्री करवाने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने में लाभ मिलेगा। पी.यू. के पब्लिकेशन ब्यूरो कोई भी अच्छा स्कॉलर अपनी किताबें प्रिंट करवा सकता है। ब्यूरो ने क्लासिकल बुक सीरीज शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। 

सीरीज में पंजाबी, अंग्रेजी और हिंदी में पंजाब और भारत के साहित्य की किताबें और प्रिंट करेगा और प्रदर्शनी  में लगाएगा। पब्लिकेशन ब्यूरो स्कॉलर के लिए पुस्तकों की बिक्री के लिए नए आयाम खोल रहा है। स्कॉलर के लिए किताबों की बिक्री के लिए प्रदर्शनी लगाएगा। कोई पब्लिकेशन ब्यूरो का मैंबर बनता है तो उसे मैंबर बनने के लिए सिर्फ 100 रुपए देने होंगे। मैंबर को एक किताब में 50 फीसदी का  डिस्काऊंट मिलता था, अब पब्लिकेशन ब्यूरो का सदस्य बनने पर सिर्फ एक से ज्यादा किताबों पर 50 फीसदी का डिस्काऊंट मिलेगा। ध्यान रहे कि पब्लिकेशन ब्यूरो का सदस्य कोई भी बन सकता है। 

सत्र में लगी 5 एग्जीबिशन
पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से सैशन-2019 में किताबों की पांच एग्जीबिशन लगाई जा चुकी हैं। यह एग्जीबिशन  पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला यूनिवर्सिटी, एम.सी.एम. कालेज और गवर्नमैंट कालेज सैक्टर-11 आदि में लगाई जा चुकी हैं। इन किताबों की एग्जीबिशन लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, हरियाणा, कुरुक्षेत्र और उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में लगाई जानी है। अगर कोई विक्रेता अपनी किताबें पबिल्केशन ब्यूरो की एग्जीबिशन में भेजता है तो विक्रेताओं को भी किताबों की बिक्री पर डिस्काऊंट दिया जाएगा।  

बन चुके हैं 745 मैंबर्स 
पी.यू. के पब्लिकेशन ब्यूरो के अब तक 745 मैंबर बन चुके हैं। ब्यूरो के पास गुरु शोभा नाम की 5 रुपए 40 पैसे की सबसे पुरानी किताब भी मौजूद है। वहीं गांधी थोट 8 रुपए 75 पैसे और न कोई हिन्दू, न मुसलमान 10 रुपए में किताबें उपलब्ध हैं। ब्यूरो की ‘फरीदां खाकु न निंदीए ’ किताब की बिक्री सबसे ज्यादा होती है। 

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