लोगों का पेट भरने वाले चंडीगढ़ के ‘लंगर बाबा' जगदीश लाल और डॉ.बहरा को पद्मश्री

Edited By Priyanka rana,Updated: 27 Jan, 2020 12:24 PM

padma shri to langar baba of chandigarh

किसी के लिए भी पद्मश्री जैसा बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। पी.जी.आई. पल्मनरी मैडीसन डिपार्टमैंट के सीनियर प्रो. डी. बहरा को देश के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है।

चंडीगढ़(पाल/राय) : किसी के लिए भी पद्मश्री जैसा बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। पी.जी.आई. पल्मनरी मैडीसन डिपार्टमैंट के सीनियर प्रो. डी. बहरा को देश के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है। पिछले साल पी.जी.आई. डायरैक्टर प्रो. जगत राम को पद्मश्री से नवाजा गया था। 

पी.जी.आई. के बाहर लंगर लगाने वाले और लंगर बाबा के नाम से मशहूर जगदीश लाल आहूजा को भी पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। वे 84 साल के हैं। उन्होंने 37 साल पहले अपने बेटे के जन्मदिन पर लंगर लगाना शुरू किया था। वे किसी समय करोड़पति थे।

वहीं, अवॉर्ड मिलने के बारे में डॉ. डी. बहरा ने कहा कि उम्मीद पर दुनिया कायम है तो उन्हें भी कहीं न कहीं अवॉर्ड मिलने की उम्मीद थी। बोले कि यह अवॉर्ड मेरे अकेले का नहीं है, उन पैशेंट्स का है जिन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया। उनकी दुआएं मेरे लिए बहुत महत्व रखती है। उन्होंने पी.जी.आई. में वर्ष 1978 में जूनियर रैजीडैंट ज्वाइन किया था। पी.जी.आई. के साथी डाक्टर्स ने हमेशा बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। 

462 से ज्यादा नैशनल और इंटरनैशनल जरनल में कई रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कई अवॉर्ड्स अपने करियर में मिले हैं लेकिन पद्मश्री मिलने का अहसास बहुत अलग है। जहां तक अवॉर्ड मिलने की बात है तो आज जब आप मेहनत करते हैं और उसे जब सराहा जाता है तो आपको खुशी तो होती ही है। आज का दिन जिंदगी के उन खास पलों में शुमार हो गया है, जो कभी भुला नहीं जा सकेगा। 

पी.जी.आई. रिसर्च एरिया बढ़ाने का काम किया :
डा. बहरा पी.जी.आई. पल्मनरी मैडीसन डिपार्टमैंट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पिछले साल डा. बहरा की रिटायरमैंट थी लेकिन डिपार्टमैंट ने उनके काम को देखते हुए उन्हें 2 साल की एक्सटैंशन दी। इसके बाद से वह अभी भी पी.जी.आई. में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 

डा. बहरा ने पी.जी.आई. के रिसर्च डीन के पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने पी.जी.आई. रिसर्च एरिया को बढ़ाने को लेकर बहुत काम किया, चाहे रिसर्च ग्रांट हो या इक्यूपमैंट्स को बढ़ाने का काम किया। वह खुद मानते हैं कि किसी भी हैल्थकेयर के लिए उसका रिसर्च एरिया बहुत जरूरी है। उनका टी.बी. की फील्ड में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसे इंटरनैशनल लैवल पर सराहा गया है। 

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