पैसेंजर व्हीकल्स में लगेंगे पैनिक बटन

Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Oct, 2019 11:36 AM

panic button

महिलाओं व अन्य यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जल्द ही प्रशासन शहर में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। शहर में दौड़ रहे हर पैसेंजर व्हीकल्स में प्रशासन पैनिक बटन जरूरी करने जा रहा है।

चंडीगढ़(साजन) : महिलाओं व अन्य यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जल्द ही प्रशासन शहर में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। शहर में दौड़ रहे हर पैसेंजर व्हीकल्स में प्रशासन पैनिक बटन जरूरी करने जा रहा है। सैक्टर-17 में बनने वाले इंटीग्रेटिड कमांड सैंटर के साथ व्हीकल का लिंक रहेगा और कहीं भी किसी वाहन में कोई घटना होती है तो सैंटर में वेल बजने लगेगी। पुलिस व अन्य एजैंसियां तुरंत मौके पर मदद के लिए पहुंच जाएंगी। 

कोई भी वाहन चालक बच नहीं पाएगा। नए वाहनों में तो इसे जरूरी किया जा रहा है, जबकि पुराने व्हीकलों में लगाने के लिए शहर में कुछ एजैंसियां इंपैनल की जाएंगी जहां जाकर यह पैनिक बटन इंस्टॉल करवाया जा सकता है। पुराने वाहन चालकों को इसके लिए तय की गई राशि देनी होगी। इन्हीं इंपैनल एजैंसियों में प्रशासन की ओर से जी.पी.एस. भी वाहनों में लगाया जाएगा। इसकी डैडलाइन क्या होगी यह अभी तय नहीं किया गया है,लेकिन जैसे ही यह काम रफ्तार पकड़ेगा, डैडलाइन भी तय कर दी जाएगी।

सी-डैक कंपनी को सौंपा गया काम :
प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक बिना पैनिक बटन के किसी भी पैसेंजर व्हीकल की पासिंग नहीं की जाएगी। चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट इस व्यवस्था को लागू करेगा। खासकर महिलाओं को बसों व टैक्सी में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसलिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। ट्रांसपोर्ट विभाग के डायरैक्टर उमाशंकर गुप्ता के मुताबिक पैनिक बटन सवारी वाहन में निश्चित स्थान पर लगा रहेगा। यात्रा के दौरान अगर किसी प्रकार की संकट की स्थिति हो तो इसे दबाते ही पुलिस तक सूचना पहुंचेगी। 

टैक्सी में यह उस स्थान पर लगेगा जहां पर यात्री का हाथ आसानी से पहुंच सके। देर रात में भी यात्री सुरक्षित सफर कर सकें। बहुत सी जगह महिलाएं रात को भी ऑफिसों में काम करती हैं और वापस घर पहुंचती हैं। केंद्र सरकार की ओर से अब सीडैक कंपनी को पैनिक बटन और जी.पी.एस. तैयार करने का काम सौंपा गया है। जल्द ही वाहनों में इसे लगवाने की डैडलाइन भी तय की जाएगी।

ऑटो, स्कूल बसों, कैब्स में लगाना जरूरी :
यू.टी. ट्रांसपोर्ट विभाग ने पहले बी.एस.एन.एल. को इस काम के लिए नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। बी.एस. एन.एल. ने कहा था कि वह पैनिक बटन व जी.पी.एस. तैयार कर देंगे। रजिस्ट्रेशन कार्यालय और आर.टी.ओ. में जितने भी पैसेंजर वाहन जिसमें ऑटो, स्कूल बसें, कैब व अन्य गाडिय़ां और सरकारी बसें हैं उनमें यह प्रावधान जरूरी किया जा रहा है। 

वाहनों में जरूरी होगा पैनिक बटन :
मिली जानकारी के अनुसार सड़कों पर जो भी व्हीकल सवारियों को लाने ले जाने के काम में लगे हैं उनमें यह पैनिक बटन जरूरी किया जा रहा है। नए वाहनों में तो पैनिक बटन लगाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पहले ही नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है,लेकिन जो पुराने वाहन हैं उसके लिए शहर में कुछ एजैंसियों को इंपैनल किया जाएगा। 

ये एजैंसियां अपने यहां पुराने वाहनों में जी.पी.एस. और पैनिक बटन लगाकर देंगी जिसके लिए वाहन चालकों को कुछ राशि का भुगतान करना होगा। यह भुगतान कितना होगा अभी यह तय नहीं किया गया है। पहले केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि अपने स्तर पर सभी राज्य व यू.टी. पैनिक बटन व जी.पी.एस. के लिए कोई कंपनी या एजैंसी का चयन कर लें। 

एमरजैंसी पर सवारियां दबा सकेंगी बटन :
महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शहर में बीते दिनों ऑटो में महिलाओं के साथ रेप होने जैसी दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं। पैसेंजर वाहनों में सफर करने वाली सवारियां किसी भी एमरजैंसी पडऩे पर इस पैनिक बटन को दबा सकेंगी। 

वाहनों में चूंकि जी.पी.एस. भी कंपलसरी किया गया है लिहाजा सैक्टर-17 के इंटीग्रेटिड कंट्रोल कमांड सैंटर में इसकी तुरंत जानकारी पहुंच जाएगी, जहां बजर बजेगा और उस वाहन का नंबर स्क्रीन पर प्रोजैक्ट होगा। जिसमें पैनिक बटन दबाया गया है। तुरंत ही जी.पी.एस. के जरिए इसकी लोकेशन भी पता चल जाएगी। मौके पर मदद के लिए पुलिस व अन्य एजैंसियां तुरंत पहुंच सकेंगी। 

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