Edited By Priyanka rana,Updated: 26 Dec, 2018 11:22 AM
पी.यू. में साल-दर- साल केसों की संख्या बढ़ौतरी हो रही है। पांच साल का रिकार्ड देखा जाए तो पी.यू.पर अब तक हर साल 100 के करीब केस दर्ज हुए हैं।
चंडीगढ़(रश्मि) : पी.यू. में साल-दर- साल केसों की संख्या बढ़ौतरी हो रही है। पांच साल का रिकार्ड देखा जाए तो पी.यू.पर अब तक हर साल 100 के करीब केस दर्ज हुए हैं। हालांकि इन केसों में कुछ केस सुलझ चुके हैं लेकिन सुलझे हुए केसों का डाटा पी.यू. प्रबंधन के पास भी नहीं है।
यह जानकारी एक आर.टी.आई. के तहत मिली है। पी.यू. के पास इन केसों को लडऩे के लिए एडवोकेट्स की लंबा पैनल मौजूद है और इन पैनल पर ही पी.यू. के हर साल लाखों-करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं। जानकारी के मुताबिक पी.यू. में सत्र 2011 से सत्र 2016 तक पांच साल में कुल 943 केस रजिस्टर हुए हैं।
हाईकोर्ट में चलने वाले केसों के लिए पी.यू. के पास 57 के करीब वकीलों का पैनल मौजूद है, जबकि जिला कोर्ट में चलने वाले केसों में 6 वकीलों का पैनल मौजूद है। वहीं इन्कम टैक्स, सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स से संबंधित वकील पी.यू. से ही है। इन वकीलों पर पी.यू. करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है।
लॉ के मुद्दों पर होने वाला खर्च
विभाग 2019-20 2018-19 2017-18 2016-17
स्टेट ब्रांच 4 लाख रुपए 4 लाख रुपए 3.80 लाख रुपए 2.49 लाख
अन्य 30 लाख रुपए 30 लाख रुपए 23 लाख रुपए 22 लाख
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के केसों के लिए 6 वकीलों का पैनल :
पी.यू. में जिलाकोर्ट केसों के लिए 6 एडवोकेट का पैनल रखा गया है, जबकि पी.यू. के कन्जयूमर कोर्ट, लेबर कोर्ट, लॉ विभाग से संबंधित केस के तहत पी.यू. के ही लॉ विभाग के प्रोफैसर को हॉयर किया जाता है, वहीं बाहर से एडवोकेट को प्रति केस के हिसाब से 15 से 20 हजार दिया जाता है। पी.यू. के ही प्रोफैसर जो केस लड़ते हैं, उन्हें कुछ हॉनरेनिम दिया जाता है।
पी.यू. के पास है अपना लीगल सैल :
पी.यू. के पास अपना लीगल सैल है। इस लीगल सैल में तीन आफिसर हंै। कैंपस के पास जो एडवोकेट के पैनल है वह अधिकतर हाईकोर्ट, डिस्ट्रिक्टकोर्ट के निजी वकील हैं। इन वकीलों को प्रति केस के हिसाब से केस लडऩे के पैसे दिए जाते हैं।
यह केस दर्ज हुए पी.यू. पर :
सैशन केस
2011 208
2012 224
2013 274
2014 272
2015 282
2016 283