जी.एम.सी.एच.-32 व जी.एम.एस.एच.-16 में भी धक्के खाते रहे मरीज

Edited By bhavita joshi,Updated: 18 Jun, 2019 12:55 PM

patients suffering from shock in gmch 32 and gmch 16

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर देशभर में चल रहे प्रदर्शन के तहत सोमवार को शहर में भी डॉक्टरों ने हड़ताल की।

चंडीगढ़(राजिंद्र शर्मा): पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर देशभर में चल रहे प्रदर्शन के तहत सोमवार को शहर में भी डॉक्टरों ने हड़ताल की। मरीजों को बिना इलाज ही लौटना पड़ा। गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में भी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इस दौरान उन्होंने शांतिपूर्वक रोष मार्च भी निकाला और कार्रवाई की मांग की। 

जी.एम.सी.एच.-32 में ओ.पी.डी. भी सुबह जल्द बंद हो गई, जिस कारण लोगों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। यहां पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से भी लोग आए थे। घंटों इंतजार के बाद वे लौट गए। ओ.पी.डी. रजिस्टे्रशन का समय वैसे 10 बजे तक होता है लेकिन सोमवार को सुबह 9 बजे ही ओ.पी.डी. रजिस्टे्रशन बंद हो गया। वहीं जी.एम.एस.एच.-16 में भी आधे घंटे बाद ही रजिस्ट्रेशन बंद हो गया। 

एमरजैंसी में भी कम नहीं थी परेशानी 
हालांकि दावा किया गया कि इमरजैंसी में डॉक्टरों की तैनाती थी लेकिन बावजूद इसके एमरजैंसी में भी मरीजों के लिए कम परेशानी नहीं थी। लोगों की शिकायत रही कि सीनियर डॉक्टर मरीजों के चैकअप को नहीं आ रहे थे।

यमुनानगर से आए, रजिस्ट्रेशन न होने के चलते लौटना पड़ा 
जसबीर कौर यमुनानगर से इलाज करवाने के लिए आई थी लेकिन 9 बजे के बाद वह रजिस्ट्रेशन काऊंटर पर पहुंची, जिस कारण उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। वह यहां घंटों इंतजार करती रही और रजिस्ट्रेशन काऊंटर पर बार-बार पूछताछ भी करती रही, लेकिन बावजूद इसके उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। नारायणगढ़ से आए पवन को भी वापस लौटना पड़ा। पवन ने कहा कि वह यहां पर आंखों का इलाज करवाने के लिए आया था। 9 बजे के कुछ देर बार ही वह काऊंटर बंद होने के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। 

रजिस्ट्रेशन के लिए खाते रहे धक्के 
भटिंडा से हरप्रीत सिंह अपनी भाभी का इलाज करवाने के लिए आए थे लेकिन इलाज में देरी होने के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। हरप्रीत ने कहा कि पहले तो ओ.पी.डी. में उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए धक्के खाने पड़े। किसी तरह उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवाया तो उन्हें ओ.पी.डी. में डॉक्टर नहीं मिले। उन्होंने कहा कि उनकी भाभी को गले में दिक्कत है, जिस कारण बोलने में परेशानी होती है। 

रजिस्ट्रेशन तो करवाया मगर डॉक्टर नहीं 
इंद्रजीत पंजाब के मुक्तसर साहिब से अपनी मां का उपचार करवाने के लिए आए थे। ओ.पी.डी. में उन्होंने रजिस्ट्रेशन तो जल्दी आकर करवा लिया लेकिन इलाज में देरी हुई। सीनियर डॉक्टर कम ही ड्यूटी पर दिखाई दिए लेकिन जूनियर चैकअप के लिए आते रहे। 

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