SBI चेयरपर्सन, जनरल मैनेजर और ब्रांच मैनेजर पर ठोका 58 हजार रुपए जुर्माना

Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Dec, 2019 11:15 AM

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पंचकूला स्थित डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर रिड्रैसल फोरम ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) चेयरपर्सन, चंडीगढ़, सैक्टर-17 स्थित एस.बी.आई. हैडक्वार्टर के जनरल मैनेजर और पंचकूला सैक्टर-6 स्थित शक्तिभवन में एस.बी.आई. के ब्रांच मैनेजर पर 58 हजार का जुर्माना...

पंचकूला(मुकेश) : पंचकूला स्थित डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर रिड्रैसल फोरम ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) चेयरपर्सन, चंडीगढ़, सैक्टर-17 स्थित एस.बी.आई. हैडक्वार्टर के जनरल मैनेजर और पंचकूला सैक्टर-6 स्थित शक्तिभवन में एस.बी.आई. के ब्रांच मैनेजर पर 58 हजार का जुर्माना लगाया है। 

आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता को 37 हजार 499 रुपए जब से शिकायकर्ता ने शिकायत दायर की है 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने होंगे। इसके साथ ही मानसिक परेशानी देने के एवज में 15 हजार रुपए और 5500 रुपए कानूनी केस दायर करने का खर्च देना होगा। यह राशि आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर अदा करने को कहा है।

ए.टी.एम. कार्ड ब्लॉक होने की बात कह कर फंसाया जाल में :
चंडीगढ़ के सैक्टर-51 निवासी हरीश गुलाटी डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर रिड्रैसल फोरम में दायर शिकायत में कहा कि उनका सेविंग बैंक अकाऊंट एस.बी.आई. की ब्रांच में है। उनके पास एस.बी.आई. का ए.टी.एम. कम डैबिट कार्ड भी है। एक दिन मोबाइल पर एक शख्स का फोन आया, फोन करने वाले ने कहा कि वह एस.बी.आई. से बोल रहा है और आपका ए.टी.एम. कार्ड ब्लॉक हो गया है, जिसे अनलॉक करने के लिए 10 रुपए की फीस लगेगी। 

इस पर शिकायतकर्ता ने उसे हां कर दिया, इसके बाद एस.बी.आई. की तरफ से ही शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन पर ओ.टी.पी. नंबर आता है। कुछ समय बाद फिर उस शख्स का फोन आया और उसने ओ.टी.पी. नंबर मांगा। शिकायतकर्ता को कहा था कि वह शख्स एस.बी.आई. से बोल रहा है तो शिकायतकर्ता ने उसे ओ.टी.पी. नंबर दे दिया। जिसके बाद 10 रुपए उनके बैंक अकाऊंट में से कट गए। 

रजिस्टर्ड मोबाइल पर फिर आया दूसरा ओ.टी.पी. :
कुछ समय बाद बैंक के ही रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नम्बर से शिकायतकर्ता हरीश गुलाटी के मोबाइल फोन पर एक नया ओ.टी.पी. नंबर आता है, वह भी 49,999 हजार रुपए निकलवाने का, जिससे शिकायतकर्ता ने इग्नोर किया और न ही किसी के साथ वह ओ.टी.पी. नंबर शेयर किया लेकिन उसके बावजूद शिकायतकत्र्ता के अकाऊंट से 49,999 रुपए निकल गए। 

शिकायतकर्ता ने तुरंत इसकी शिकायत बैंक मैनेजर से की और 30 जून 2016 को लिखित शिकायत दी। 22 अगस्त 2016 को बैंक ने इस अनधिकृत विड्रॉल की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया जबकि जांच में पाया गया कि 49,999 की रकम उनके बैंक अकाऊंट से पेयूमनी.कॉम के माध्यम से विड्रॉल हुई थी। इस संबंध में हरीश ने पंचकूला पुलिस के पास एफ.आई.आर. दर्ज करने पहुंचे। पुलिस ने 11 जुलाई 2016 को महज डी.डी.आर. दर्ज की। 

शिकायतकर्ता हरीश ने बैंक को एक लीगल नोटिस भी भेजा लेकिन बैंक अधिकारियों ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। मामले में पार्टी बनाए चेयरपर्सन और जी.एम. ने अपने काऊंसिल के माध्यम से फोरम के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि किसी भी ए.टी.एम .कार्ड व पिन नंबर और ओ.टी.पी. के बिना बैंक खाते से रकम विड्रॉल होना संभव ही नहीं। उन्होंने बताया कि हरीश के मोबाइल नंबर पर जो ओ.टी.पी. भेजा गया था, वह 47,999 रुपए के लिए ही भेजा था। फोरम ने दोनों पक्षों को सुनकर बैंक अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को सही ठहराते हुए हरीश के पक्ष में फैसला दिया।

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