ओपन एक्सैस कनैक्शन की परमिशन अब 30 दिन में मिलेगी

Edited By pooja verma,Updated: 13 Mar, 2019 11:52 AM

permission of open access connection will now be available in 30 days

इलैक्ट्रिसिटी के ओपन एक्सैस कनैक्शन को हासिल करने के लिए अब कंज्यूमर्स को अधिक दिन तक इंतजार नहीं करना होगा।

चंडीगढ़ (विजय) : इलैक्ट्रिसिटी के ओपन एक्सैस कनैक्शन को हासिल करने के लिए अब कंज्यूमर्स को अधिक दिन तक इंतजार नहीं करना होगा। यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट की ओर से ओपन एक्सेस की ग्रांट के लिए गाइडलाइंस तय कर दी गई हैं। 

 

गाइडलाइंस के अनुसार अगर कोई कंज्यूमर अब लॉन्ग टर्म ओपन एक्सैस के लिए अप्लाई करता है तो उसकी एप्लिकेशन को 30 दिन के भीतर डिस्पोज करना होगा। हालांकि इसके लिए कंडीशन यह होगी कि कंज्यूमर और पावर जनरेटर एक ही डिस्ट्रिब्यूशन लाइसैंसी के अंतर्गत आते हों। 

 

हालांकि डिपार्टमैंट ने कंडीशन रखी है कि इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम के जरिए वही कनैक्टिविटी हासिल कर सकता है, जिस कंज्यूमर का लोड 4 मेगावाट या उससे अधिक हो। इसके अतिरिक्त 4 मेगावाट या इससे अधिक के जनेरटिंग स्टेशन को भी कनैक्टिविटी मिल सकती है। 

 

यह सभी कंज्यूमर्स ओपन मार्कीट से बिजली खरीदने के लिए आजाद होंगे। ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलैट्री कमीशन (जे.ई.आर.सी.) के सामने शहर के कंज्यूमर्स पिछले काफी वर्षों से डिमांड कर रहे थे कि ओपन एक्सैस के लिए डिपार्टमैंट के पास कोई पारदर्शी पॉलिसी नहीं है। 

 

इसकी वजह से इंडस्ट्रीयलिस्ट को नुक्सान उठाना पड़ रहा है। अन्य कई राज्यों में ओपन एक्सैस को परमिशन दी जा चुकी है। यही वजह है कि डिपार्टमैंट ने नई गाइडलाइंस तय कर ओपन एक्सैस को हरी झंडी दे दी है।

 

रिन्यूएबल एनर्जी पर मिलेगी 50 प्रतिशत छूट
गाइडलाइंस के अनुसार अगर कोई कंज्यूमर रिन्यूएबल एनर्जी बेस्ड जनरेटर्स से कनैक्टिविटी हासिल करते हैं तो उन्हें फायदा मिलेगा। ऐसे कंज्यूमर्स की एप्लिकेशंस पर फीस में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। 

 

लॉन्ग टर्म ओपन एक्सेस कनैक्शन कम से कम 7 वर्ष का होना चाहिए। इसके साथ ही एप्लिकैंट को स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी (एस.टी.यू.) के पास फॉर्म सब्मिट करवाना होगा। 

 

नोडल एजैंसी बनाई 
डिपार्टमैंट ने ओपन एक्सेस इन ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन रैगुलेशंस के तहत एक नोडल एजैंसी का भी गठन किया है। इसमें सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर को स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी (एस.टी.यू.), असिस्टैंट पॉवर कंट्रोलर को स्टेट लोड डिस्पेच सैंटर (एस.एल.डी.सी.) और एग्क्यिूटिव इंजीनियर (प्लानिंग एंड डिजाइन) अप्वाइंट किया गया है। 

 

कंज्यूमर्स को तीन कैटेगरी में बांटा
ओपन एक्सैस सिस्टम को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। इन्हें लॉन्ग टर्म एक्सैस, मीडियम टर्म एक्सेस और शॉर्ट टर्म एक्सैस के तहत एग्रीमैंट तैयार करना होगा। एप्लिकेशन फाइल किए जाने के बाद अगर उसमें कोई बदलाव होता है तो फ्रैश एप्लिकेशन देनी होगी। ओपन एक्सैस एग्रीमैंट के लिए इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट चंडीगढ़ (ई.डी.सी.) के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर ही अधिकृत हस्ताक्षरकत्र्ता नियुक्त किए गए हैं। 

 

 बदलाव की देनी होगी जानकारी
अगर किन्हीं कारणों से ओपन एक्सेस कंज्यूमर अलॉट हुई कैपेसिटी के अनुसार पूरी बिजली का इस्तेमाल नहीं कर पाता है तो उसे इसकी जानकारी स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी और स्टेट लोड डिस्पैच सैंटर को देनी होगी। जे.ई.आर.सी. रैगुलेशन 2017 के नियमों के अनुसार उस कंज्यूमर को उसे अलॉट हुई कैपेसिटी को भी सरैंडर करना पड़ सकता है। 

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