Edited By Priyanka rana,Updated: 10 Jun, 2019 01:36 PM
पी.जी.आई. में आने वाले मरीजों की मदद के लिए विभाग ने जगह-जगह इंक्वारी सैंटर बनाए हुए हैं।
चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. में आने वाले मरीजों की मदद के लिए विभाग ने जगह-जगह इंक्वारी सैंटर बनाए हुए हैं। इसके बावजूद मरीजों को आने-जाने में दिक्कतें आती हैं। इसी को देखते हुए पी.जी.आई. अस्पताल में कलर कोडेड वे फाइंडिंग साइन की सुविधा शुरू करने जा रहा है। अभी तक यह सुविधा प्राइवेट बड़े अस्पतालों में ही है।
पी.जी.आई. पहला गवर्नमैंट अस्पताल होगा, जहां इस तरह की नई एडवांस पैशेंट्स फ्रैंडली सुविधा होगी। फिलहाल अभी छोटे लेवल पर शुरू किया जा रहा है। बता दें कि यह सुविधा एडवांस पीडिएट्रिक्स में होगी। इस प्रोजैक्ट पर 4.87 लाख का खर्च आएगा, जिसे दो महीनों में पूरा करना है। हाल ही में पी.जी.आई. में सैमीनार का आयोजन किया गया था, जहां हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने इस कॉन्सैप्ट को लेकर अपना इंट्रस्ट दिखाया था।
हर किसी से रास्ता पूछते रहते हैं मरीज :
बड़े संस्थानों के लिए यह कलर कोडेड वे फाइंडिंग साइन बहुत यूजफूल कॉन्सैप्ट है। पी.जी.आई. जैसे बड़े अस्पताल में मरीजों को इससे काफी फायदा हो सकता है। जगह-जगह क्यिोस्क व इंक्वारी काऊंटर होने के बावजूद मरीजों को सही डिपार्टमैंट का नहीं पता चल पाता। ऐसे में वह हर किस से रास्ता पूछते रहते हैं। कलर कोडेड वे फाइडिंग साइन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह मरीज को रास्ता तक दिखाएगा।
आई.सी.यू., सी.सी.यू., ओ.पी.डी. जैसे हर विभाग के लिए कुछ कलर तय किए जाएंगे। ऐसे में मरीज को किस जगह जाना है, इसके लिए वह इन कलर लाइन्स को फॉलो करते हुए वहां तक पहुंच सकता है। विदेशों व कुछ प्राइवेट अस्पतालों में यह कॉन्सैप्ट बहुत पॉपुलर है। इसकी खास बात यह है कि मरीज को किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। उसे जहां जाना है वह इन कलर लाइन्स की मदद से आ जा सकता है।
ए.पी.सी. से शुरूआत, रिस्पांस अच्छा रहा तो दूसरी जगह शुरू किया जाएगा :
फिलहाल इस यूनिक प्रौजेक्ट की शुरूआत ए.पी.सी. से की जा रही है। अगर इसका रिस्पांस अच्छा रहा तो इसे दूसरी जगहों पर भी लगाया जाएगा। एक्सपर्ट्स की माने तो मरीजों की मदद के लिए हैल्प काऊंटर्स तो बनाए जाते हैं लेकिन उनकी शिकायत रहती है कि काऊंटर्स पर कोई नहीं होता। पी.जी.आई. बहुत बड़ा है, ऐसे में उन्हें सैंपल देने जैसे छोटे से काम के लिए भी परेशान होना पड़ता है।