12 वर्ष बाद भी PGI ब्लड कलैक्शन को नहीं मिला स्टाफ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 10:48 AM

pgi blood collection not found after 12 years

वर्ष-2006 में पी.जी.आई. न्यू ओ.पी.डी. में मरीजों की सुविधा के लिए अलग से ब्लड क्लैक्शन सैंटर का निमार्ण किया गया था ताकि सभी मरीजों का ब्लड टैस्ट एक ही जगह हो सके, लेकिन 12 वर्ष बाद भी विभाग ब्लड क्लैक्शन सैंटर को स्टाफ नहीं दे पा रहा है।

चंडीगढ़ (पाल) : वर्ष-2006 में पी.जी.आई. न्यू ओ.पी.डी. में मरीजों की सुविधा के लिए अलग से ब्लड क्लैक्शन सैंटर का निमार्ण किया गया था ताकि सभी मरीजों का ब्लड टैस्ट एक ही जगह हो सके, लेकिन 12 वर्ष बाद भी विभाग ब्लड क्लैक्शन सैंटर को स्टाफ नहीं दे पा रहा है। वहीं मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने तीन वर्ष पहले 12 कांऊटर्स एड किए थे जिस पर विभाग 6 मैडीकल टैक्नोलॉजिस्ट की मांग पिछले वर्ष से कर रहा है। अब तक कोई स्टाफ नियुक्त नहीं किया गया है। हर बीमारी की जांच के लिए ब्लड टैस्ट पहली प्राथमिकता है। ऐसे में मरीजों की तादाद ब्लड  टैस्ट के लिए दूसरे विभागों से कहीं ज्यादा रहती है। 

 

विभाग कई बार यहां स्टाफ की मांग कर चुका है। इसके बावजूद प्रशासन यहां कोई स्टाफ नियुक्त नहीं कर रहा। स्टाफ की कमी की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। 300 से ज्यादा मरीज यहां रोजाना अपना ब्लड टैस्ट करवाने आते हैं। 12 वर्ष पहले न्यू ओ.पी.डी. में टैस्ट करवाने वाले लोगों की तादाद 150 से 200 के करीब हुआ करती थी। वहीं  अब मरीजों की तादाद 1200 तक पहुंच गई है। ऐसे में स्टाफ की जरूरत पहले के मुकाबले अब ज्यादा हो गई है। 

 

नहीं हुई बार कोडिंग, पुराना सिस्टम भी बदला 
स्टाफ की कमी के चलते मरीज को काफी ज्यादा इंतजार करना पड़ता है। इस वेटिंग को कम करने के लिए बार कोडिंग की जानी थी। बार कोडिंग तो दूर की बात अब पहले वाले सिस्टम को भी बदल दिया गया है। पहले मरीज को फीस की लाइन में लगना पड़ता था जिसके बाद शीशी मिलती थी, फिर वह सैंपल के लिए इंतजार करता था जबकि बार कोडिंग होने के बाद मरीज को फीस के साथ ही शीशी मिलने के बाद सीधा उसे सैंपल की लाइन में लगना था। 

 

वहीं बार कोडिंग तो नहीं हुई लेकिन पुराने सिस्टम को बदल कर नया सिस्टम लागू कर दिया गया है, जिसमें पहले मरीज को फीस की लाइन में उसके बाद उसे टोकन की लाइन में व शीशी लेने की लाइन और आखिर में उसे सैंपलिंग की लाइन में लगना पड़ रहा है। एडवांस कॉर्डियक सैंटर में 11 बजे तक ही टैस्ट की सुविधा है जिसके बाद वहां होने वाले टैस्ट भी न्यू ओ.पी.डी. में भेज दिए जाते हैं। रोजाना के आंकड़ों पर नजर डाले तो 300 के करीब मरीज यहां हर दिन टैस्ट के लिए पहुंच रहे हैं। 


 

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