PGI रिसर्च : ट्राईसिटी की 61 प्रतिशत महिलाएं प्रोलैप्स की जद में

Edited By ,Updated: 20 Jun, 2016 08:04 AM

pgi research for women

महिलाओं में मां बनने के बाद प्रोलैप्स यानद्ध बच्चेदानी बाहर आना आम बात है लेकिन ट्राईसिटी की 61 प्रतिशत महिलाएं इन दिनों इस समस्या को झेल रही हैं। पी.जी.आई. की हाल ही की स्टडी के मुताबिक शहर की महिलाओं में यह समस्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है।

चंडीगढ़ (रवि): महिलाओं में मां बनने के बाद प्रोलैप्स यानद्ध बच्चेदानी बाहर आना आम बात है लेकिन ट्राईसिटी की 61 प्रतिशत महिलाएं इन दिनों इस समस्या को झेल रही हैं। पी.जी.आई. की हाल ही की स्टडी के मुताबिक शहर की महिलाओं में यह समस्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है। 

 

स्टडी में सामने आया कि डिलीवरी के बाद इस परेशानी के चांस काफी बढ़ जाते हैं। डिलीवरी के वक्त या बाद में मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं शरीर के कई टिश्यू जो उस वक्त ङ्क्षखच या टूट जाते है जो फिर ठीक नहीं हो पाते। 

 

वहीं मोटापा, लंबी खांसी, कब्ज और भारी वजन उठाने से भी पेडू की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं कई केसों में आनुवांशिक कारण भी इसका एक कारण है। ट्राईसिटी में जहां 61 प्रतिशत महिलाएं प्रेलैप्स का शिकार है वहीं पंजाब में 12 प्रतिशत, हरियाणा में 6 प्रतिशत और हिमाचल में 8 प्रतिशत महिलाओं को यह परेशानी घेरे हुए है। 

 

एक्सरसाइज से रोक सकते हैं प्रोलैप्स को

उम्र बढऩे के साथ बच्चादानी बाहर आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पीरियड्स बंद होने के बाद रैगुलर एक्सरसाइज करें। वजन कम करने के साथ खाने में घी, मक्खन कम लें और रेशेदार सब्जियां खाएं। साथ ही भारी समान उठाने से बचें और हो सके तो पैरों के भार ना बैंठे। गर्भवती महिलाओं को पेडू मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करने चाहिए । 

 

प्रोलैप्स के लक्षण 

सबसे आम लक्षण है पेट में या नीचे भआरीपन महसूस होना। बार-बार यूरीन आना, खांसी के साथ या हंसने पर यूरीन लीक होना। जिन महिलाओं को प्रोलैप्स की दिक्कत होती उन्हें कब्ज की दिक्कत रहती है।

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