पी.जी.आई. में भिड़े रैजीडैंट डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी

Edited By bhavita joshi,Updated: 05 Feb, 2019 09:50 AM

pgi resident doctor and nursing staff

पी.जी.आई. की इमरजैंसी में सोमवार को रेजीडैंट डॉक्टर और नर्सिंग के एक मुलाजिम के बीच झड़प हो गई।

चंडीगढ़(साजन): पी.जी.आई. की इमरजैंसी में सोमवार को रेजीडैंट डॉक्टर और नर्सिंग के एक मुलाजिम के बीच झड़प हो गई। इमरजैंसी में मौजूद मरीज व उनके परिजन भौंचक्के रह गए। बाद में डायरैक्टर जगतराम और मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को दखल देना पड़ा, जिसके बाद दोनों में समझौता हो गया। इमरजैंसी में किसी मरीज को इम्यूनोग्लोबींस दवा देनी थी। चूंकि ये दवा महंगी होती है और इसे लगाने के लिए बाकायदा विशेषज्ञता भी चाहिए।

 लिहाजा इसे इमरजैंसी में मौजूद रेजीडैंट डाक्टर को ही लगाने की हिदायत है। रेजीडैंट डाक्टर किसी दूसरे मरीज को देखने में व्यस्त थे, इसलिए उन्होंने नर्सिंग के एक मुलाजिम से इम्यूनोग्लोबिंस मरीज को देने को कह दिया। नर्सिंग स्टाफ ने इसे लेकर हामी भी भर दी लेकिन थोड़ी देर होने के चलते रेजीडैंट डाक्टर आपा खो बैठे। इस पर नर्सिंग कर्मी भी तैश में आ गया और इमरजैंसी में ही दोनों के बीच खूब तू-तड़ाक हुई। 

एक-दूसरे के साथ खूब गाली-गलौज भी की गई। रेजीडैंट डाक्टर की मदद को वहां मौजूद अन्य डाक्टर भी आ गए तो नर्सिंग कर्मी ने भी अपने मुलाजिम एकत्रित कर लिए। बात इतनी बढ़ गई कि वहां मौजूद अन्य स्टाफ ने डायरैक्टर प्रो. जगतराम और मैडीकल सुपरिटैंडैंट प्रो. ए.के. गुप्ता को मौके पर बुला लिया। उन्होंने आकर स्थिति को संभाला।

काम का प्रैशर ज्यादा
नर्सिंग के कुछ मुलाजिमों ने बताया कि इमरजैंसी में काम का दबाव बहुत रहता है। इसी के चलते कई मर्तबा स्थितियां खराब हो जाती हैं। उधर, रेजीडैंट डाक्टरों का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ के साथ यह समस्या हमेशा रहती है कि वह डाक्टर की बताई बात पर टाइम पर गौर नहीं करते।

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