Edited By pooja verma,Updated: 18 Sep, 2019 04:09 PM
चंडीगढ़ में सुखना लेक पर जल्द ही पियरे जैनरे की डिजाइन की गई पैडल बोट दिखाई देगी।
चंडीगढ़ (साजन) : चंडीगढ़ में सुखना लेक पर जल्द ही पियरे जैनरे की डिजाइन की गई पैडल बोट दिखाई देगी। चीन में पैदा होने वाला वह इंपीरियल ट्री भी रोज गार्डन में दिखाई देगा जिसे ली कार्बूजिए ने स्विटजरलैंड में लगाया था। जिन हस्तियों ने ली कार्बूजिए और पी जैनरे के साथ काम किया है उनका इंटरव्यू और इन दो महान हस्तियों के साथ काम करने के तजुर्बे को भी रेडियो पर भारत व फ्रांस में ब्रॉडकॉस्ट किया जाएगा।
फ्रांस की दो शख्सियतें, पीरॉक मूटन जो आर्टिस्ट हैं और बेनॉयट सैंटीआर्ड जो पेशे से डिजाइनर हैं ने, ली कार्बूजिए और पियरे जैनरे पर रिसर्च की। उन्होंने यूटी गैस्ट हाऊस में मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि उन्होंने विभिन्न फोटोग्राफ और वीडियो के जरिए उस पैडल बोट का डिजाइन तैयार किया जिसे पियरे जैनरे ने तैयार किया था और उसे सुखना लेक में चलाया था।
इस पैडल बोट को ये दोनों आर्टिस्ट और डिजाइनर तैयार कर रहे हैं जिसे चंडीगढ़ प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन से इसे सुखना लेक में चलाने की इजाजत भी मांगी जाएगी। यह पैडल बोट सुखना लेक पर पहुंचे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहेगी। 1 अक्तूबर को इस पैडल बोट के सुखना लेक पर रखे जाने की तैयारी है।
इंपीरियल ट्री मूलरूप से चीन का पेड़
इसी तरह रोज गार्डन में इंपीरियल ट्री लगाया जाएगा। यह पेड़ मूल रूप से चीन का पेड़ है जिसके बड़े बड़े पत्ते होते हैं और यह काफी छायादार वृक्ष हैं । दोनों ने बताया कि वह चंडीगढ़ प्रशासन को ओपन हैंड थीम में विश्वास रखते हैं और चंडीगढ़ शहर में कुछ देने और लेने का इरादा लेकर आए हैं। पीरॉक मूटन और बेनॉयट सैंटीआर्ड ने बताया कि उन्होंने अपनी संपूर्ण रिसर्च चंडीगढ़ और पैरिस में काम कर आगे बढ़ाई।
खूबसूरत चंडीगढ़ को तैयार करने की जैनरे और ली कार्बूजिए की हर कोशिश को करीब से देखा। पियरे जैनरे की पिडैलो बोट (पैडल वाली बोट)जिसके प्लान गुम कर दिए गए। इंपीरियल ट्री जिसे कार्बूजिए को बहुत लगाव था को जल्द ही चंडीगढ़ के लोग देख सकेंगे। 27 सितम्बर को यह इंपीरियल ट्री रोज गार्डन में लगाया जाएगा।
स्विटजरलैंड की लेक विला से इस ट्री का कट लिया गया है और इसे रोज गार्डन नें लगाया जाएगा। इसके बारे में दोनों आर्टिस्टों ने बताया कि ली कार्बूजिए ने स्विटजरलैंड में अपने घर पर पाओलोनिया ट्री लगाया जो मूल रूप से चीन का ट्री है। इसकी चौड़ी पत्तियां घर की छत को गर्मियों में छाया प्रदान करती है। 2012 में इस पेड़ को काट दिया गया जिसे बाद में री-प्लांट किया गया।
15 दिन चलेगी ग्राफिक डिजाइन वर्कशाप
चंडीगढ़ कालेज ऑफ आर्कीटैक्चर के स्टूडैंट्स के साथ मिलकर ग्राफिक डिजाइन वर्कशॉप लगाई जाएगी जो 15 दिन तक चलेगी। उन्होंने कहा कि अपनी रिसर्च के दौरान उन्होंने जो भी चंडीगढ़ से पाया उसे वह वापिस लौटाने की कोशिश करेंगे। रिसर्च के जरिए उन्होंने पियरे जैनरे और ली कार्बूजिए के संबंध में जो भी जानकारी जुटाई उसे वर्तमान के चंडीगढ़ शहर में री-एक्टीवेट करने की कोशिश करेंगे।
रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के जरिए वह उन शख्सियतों से भी बातचीत करेंगे जिन्होंने ली कार्बूजिए और पियरे जैनरे के साथ समय बिताया और मिलकर शहर को बनाने का काम किया। इसकी रिकॉर्डिंग 15 सितम्बर से 4 अक्तूबर के बीच की जाएगी। 11 अक्तूबर को चंडीगढ़ में बिल्डिंग चंडीगढ़ शो कराया जाएगा। चंडीगढ़ कालेज आफ आर्कीटैक्चर में 20 सितम्बर से 4 अक्तूबर तक वर्कशॉप होगी।