Edited By AJIT DHANKHAR,Updated: 30 Nov, 2020 08:04 PM
वीडियो होने के बावजूद क्राइम ब्रांच के जवानों की नहीं हुई पहचान
शराब ठेकेदार से पैसे मांगने का मामला
पुलिस मामले को दबाने में लगी
चंडीगढ़, (सुशील): शराब ठेकेदार से पैसे मांगने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस के पास सारे सबूत होने के बाद भी क्राइम ब्रांच के जवानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। मामले में एफ.आई.आर. दर्ज हुए 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है जबकि ठेकेदार सुरेश कुमार द्वारा दिए गए वीडियो में क्राइम ब्रांच के जवान वर्दी में साफ दिख रहे हैं। अपने ही विभाग के जवानों के पैसे लेने का वीडियो होने के बावजूद उन्हें नामजद क्यों नहीं किया जा रहा, यह बड़ा सवाल है। ठेकेदार की ओर से सारे सबूत दिए जाने के बाद गोलमोल एफ.आई.आर. दर्ज क्यों की गई?
शराब ठेकेदार के बयान दर्ज होंगे
एफ.आई.आर. के बाद ए.एस.पी. साऊथ श्रुति अरोड़ा सबसे पहले मामले में शराब ठेकेदार सुरेश कुमार के बयान दर्ज करेगी। इसके बाद पुलिस कर्मियों की पहचान की जाएगी। सूत्रों की माने तो वीडियो होने के बाद ए.एस.पी. साऊथ तो क्राइम ब्रांच के जवानों की पहचान नहीं कर पाई लेकिन पैसे लेने वालों के नाम पूरे विभाग और अफसरों को पता चल चुके हैं। एफ.आई.आर. होने के बाद क्राइम ब्रांच के अभी जवान और अफसर सब सख्ते में बने हुए हैं। सूत्रों की माने तो शराब ठेकेदार अपनी शराब चंडीगढ़ से बाहर दूसरे राज्यों में भेजते हैं, जिसकी एवज में पुलिस वाले रुपए लेते हैं।
इंस्पैक्टर का करीबी है ठेकदार से वसूली करने वाला
शराब ठेकेदार से हर महीने रुपए लेते वीडियो में कैद एक पुलिस जवान इंस्पैक्टर का करीबी बताया जा रहा है। उस कांस्टेबल को इंस्पैक्टर बदली होने पर हमेशा अपने साथ लेकर जाता है। उसी के कहने पर कॉन्स्टेबल की शहर में कई जगहों से रुपए इकट्ठे करता था।
दो नंबर का काम करने वालों से हर महीने आती है मंथली
शहर में दो नंबर या फिर अवैध धंधा करने वालों से हर यूनिट के जवान हर महीने मंथली लेते हैं। हर यूनिट में मंथली लेने के लिए स्पैशल पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई होती है। शराब ठेकेदार सुरेश कुमार हर महीने क्राइम ब्रांच के जवानों को 12 हजार देता था। इसके अलावा जुआ, समेत अन्य कारोबार करने वाले क्राइम ब्रांच, ऑप्रेशन सैल, थाना पुलिस व चौकी पुलिस को मंथली देते हैं। पुलिस जवान तो अपने इलाके में लगनी वाली रेहडिय़ों को भी छोड़ते।