Edited By pooja verma,Updated: 24 Aug, 2018 01:56 PM
सिटको में काम करने वाले कर्मचारियों पर मार पड़ सकती है, क्योंकि प्रशासन ने इन कर्मचारियों को प्रतिमाह मिलने वाले इंसैंटिव को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है।
चंडीगढ़ (राजिंद्र ): सिटको में काम करने वाले कर्मचारियों पर मार पड़ सकती है, क्योंकि प्रशासन ने इन कर्मचारियों को प्रतिमाह मिलने वाले इंसैंटिव को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है। कर्मचारियों को सिटको के होटलों में शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों से होने वाली रैवेन्यू के चलते वेतन का पांच प्रतिशत इंसैंटिव के रूप में दिया जाता है। इस इंसैंटिव को अब पांच प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत करने पर विचार किया जा रहा है।
विभाग द्वारा घाटे का हवाला देकर ऐसा करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों के काम से भी विभाग संतुष्ट नहीं है। इस मामले को लेकर गत दिन प्रशासन और सिटको कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों की एक मीटिंग भी हुई, जिसमें होटलों को बेहतर ढंग से चलाकर रैवेन्यू बढ़ाने पर विचार किया गया।
टीम गठित की जाएगी, लेगी अंतिम फैसला
मीटिंग में प्रबंधन के इस प्रस्ताव का यूनियन ने विरोध भी किया। यूनियन ने कहा कि कर्मचारी रात देर तक रुककर काम करते हैं, इसलिए इंसैंटिव मिलना उनका हक है, जिसे घटाना बिल्कुल जायज नहीं है। अगर प्रशासन ऐसा करता है तो उसकी जगह ओवर टाइम के कर्मचारियों को पैसे मिलने चाहिए।
इस सबके बाद ही अधिकारियों और यूनियन कर्मचारियों के बीच ये सहमति बनी कि इसे लेकर एक टीम गठित की जाएगी। ये टीम दो महीने तक सिटको के सभी होटलों की आय और व्यय को चैक करेगी। अगर सही में ही आय और व्यय में बड़ा अंतर पाएगा तो वह इंसैंटिव घटाने पर विचार करेंगे। इस फैसले पर ही दोनों पक्ष राजी हुए।
ओवरटाइम पर मिलता है इंसैंटिव
सिटको के सभी होटलों में होने वाले शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों के दौरान कई कर्मचारियों को देर रात तक रुककर काम करना पड़ता है। कई बार इन कर्मचारियों को देर रात दो या अढ़ाई भी बज जाते हैं । इन कर्मचारियों को ओवरटाइम के पैसों की जगह 5 प्रतिशत इंसैंटिव दिया जाता है।