प्रधानमंत्री आवास योजना : मार्कीट रेट से कम कीमत पर जमीन के लिए केंद्र से फिर गुहार लगाएगा प्रशासन

Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Jan, 2020 11:30 AM

prime minister housing scheme

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाऊसिंग प्रोजैक्ट के लिए चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड एक बार फिर से केंद्र के समक्ष मार्कीट रेट से कम कीमत पर जमीन देने की गुहार लगाएगा।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाऊसिंग प्रोजैक्ट के लिए चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड एक बार फिर से केंद्र के समक्ष मार्कीट रेट से कम कीमत पर जमीन देने की गुहार लगाएगा। 

केंद्र की तरफ से इसे लेकर हाल ही में प्रशासन को पॉजीटिव रिस्पांस मिला था। यही कारण है कि बोर्ड को इस प्रोजैक्ट के अब सिरे चढऩे की दोबारा आस जगी है। इससे पहले केंद्र ने प्रोजैक्ट के लिए जमीन देने से इन्कार कर दिया था। अफोर्डेबल हाऊसिंग प्रोजैक्ट के तहत बोर्ड ने योग्य लोगों को मकान बनाकर देने हैं। 

इस संबंध में बोर्ड के चेयरमैन अजोय कुमार सिन्हा ने बताया कि वह प्रोजेक्ट के लिए मार्कीट रेट से कम कीमत पर जमीन अलॉट करने के लिए केंद्र के समक्ष मामला उठा रहा है। इसके अलावा स्कीम के अंडर कई कॉम्पोनेन्ट है, जिसके तहत बैंक से सस्ता लोन लेकर लोग ट्राईसिटी के अंदर मकान बना भी रहे हैं। 

सी.एच.बी. ने डिमांड सर्वे किया था :
बता दें कि चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को इस प्रोजैक्ट के लिए नोडल एजैंसी बनाया गया था। बोर्ड ने गत वर्ष 20 मार्च को अफोर्डेबल हाऊसिज प्रदान करने के लिए ये प्रोजैक्ट शुरू किया था। इक्निॉमिकली विकर सेक्शन, लोअर इनकम ग्रुप और मीडियम इनकम ग्रुप का डिमांड सर्वे किया था। इसके बाद ही योजना के तहत इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे थे। 

इसके बाद ही बोर्ड ने 444 लोगों के नामों की फाइनल लिस्ट जारी की थी लेकिन बाद में जो लोग किसी कारण अपने डॉक्यूमैंट पूरे नहीं कर पाए थे, उन्हें एक और मौका दिया गया था। यही कारण है कि अभी तक छंटनी में कुल 9 हजार के करीब लोग योग्य पाए गए थे। 

इनके डॉक्यूमैंट्स जांचने के बाद ये लिस्ट तैयार की गई है। बोर्ड ने इसके बाद ही अफोर्डेबल हाऊसिंग प्रोजैक्ट की लिस्ट में योग्य पाए गए इन लोगों के लिए मकान बनाने का फैसला लिया था, जिसे तीन अलग-अलग लोकेशन में बनाया जाना है। इसी की केंद्र से अप्रूवल भी मांगी गई थी। 

1.27 लाख लोगों ने अप्लाई किया था :
योजना में 1.27 लाख लोगों ने चंडीगढ़ में अप्लाई किया था लेकिन छंटनी के बाद ही इनकी संख्या कम हो गई है। सी.एच.बी. जहां आस लगाए बैठा है कि अधिग्रहण दर पर ही उन्हें इसके लिए जमीन मिल जाए, जो कि 3.1 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है लेकिन केंद्र ने वर्ष 2012 में जो लैटर जारी किया था, उसके तहत ऐसे प्रोजैक्ट के लिए जमीन दर मार्कीट रेट से कम नहीं हो सकती है, जोकि 30 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है।

मार्कीट रेट पर जमीन मिली तो बढ़ जाएंगे रेट :
अगर मार्कीट रेट पर ही प्रशासन को इस प्रोजैक्ट के लिए जमीन अलॉट होती है, तो फ्लैट्स के रेट काफी बढ़ जाएंगे। ई.डब्ल्यू.एस. फ्लैट की कीमत 30 लाख रुपए तक पहुंच जाएगी, जबकि अधिग्रहण दर पर इसकी कीमत 15 लाख रुपए के करीब ही होगी। बोर्ड मलोया, धनास और मौलीजागरां में इस योजना के तहत फ्लैट्स का निर्माण करवाने पर विचार कर रहा है। 

केंद्र की टीम होगी शहर में, उठाएंगे मामला :
चंडीगढ़ में कई लंबित ऐसे मामलों को लेकर केंद्र की एक टीम भी शहर में होगी, जिसमें समक्ष प्रशासन द्वारा ये मामला उठाया जाएगा। शनिवार को टीम के आने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा सरकार से जुड़े मसलों पर भी इस बैठक में चर्चा होनी है। 

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