Edited By bhavita joshi,Updated: 26 Jun, 2019 02:20 PM
जेल में आने वाले नशे की लत के आदी कैदियों को अब शुरूआत में एक अलग सैल में रखा जाएगा।
चंडीगढ़(संदीप): जेल में आने वाले नशे की लत के आदी कैदियों को अब शुरूआत में एक अलग सैल में रखा जाएगा। उन्हें यहां स्थित डी-एडिक्शन सैंटर में 15 दिन का जरूरी उपचार दिए जाने के बाद ही उन्हें नार्मल कैदियों के सैल में शिफ्ट किया जाएगा। इस योजना से जहां एक और नशे के लत के आदी कैदियों को समय पर उपचार दिया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर इनकी यह लत साथ रहने वाले अन्य कैदियों की परेशानी का कारण भी नहीं बन पाएगी।
अधिकारियों की मानें तो जेल में आने वाले नशे की लत के आदी कैदी यहां आने के बाद अपनी इस लत के चलते सैल में रहने वाले अन्य कैदियों की परेशान की सबब बन जाते हैं। अपनी इस लत को पूरा करने के लिए ही वह किसी भी तरह के तरीके को अपना कर नशा अपने साथ जेल के भीतर तक ले जाने के प्रयास करते हैं और कई दफा वह नशा अंदर तक लेकर जाने में कामयाब भी हो जाते हैं।
प्राय देखा गया है कि ऐसे आरोपी पेशी पर बाहर जाने के बाद दोबारा जेल में ले जाने के समय अपने शरीर के भीतर मादक पदार्थ छिपा कर अंदर तक ले आते हैं। हालांकि यहां जेल में प्रवेश करते समय कैदी की बेहद गहनता से चैकिंग की जाती है लेकिन कई दफा कैदी कामयाब हो जाते हैं और कई बार सुरक्षाकर्मी इन्हें काबू कर लेते हैं। इस तरह के मामलों को जेल प्रबंधन की शिकायत पर संबंधित थाना पुलिस ऐसे कैदियों के खिलाफ केस तक दर्ज करती है।
नशे की लत को किया जाता है दूर
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए ए.आई.जी. विराट जेल ने बताया कि नशे की लत के आदी कैदियों को शुरू मे ही एक अलग सैल में रखा जाएगा। इसके बाद इस तरह के कैदियों को जेल के डी-एडिक्शन सैंटर में 15 दिन का जरूरी उपचार दिया जाएगा। जिससे कि उनकी लत को दूर किया जा सके। कैदी की नशेे की लत के दूर किए जाने के बाद ही उन्हें अन्य कैदियों के साथ सामान्य सैल में रखा जाएगा।