Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 11:32 AM
पी.जी.आई. प्रशासन ने मरीजों को सस्ती दवाईयां मुहैया करवाने के लिए अस्पतालों में जैनरिक मैडीसन स्टोर व अमृत आऊटलैट्स खोले हुए हैं।
चंडीगढ़(रवि) : पी.जी.आई. प्रशासन ने मरीजों को सस्ती दवाईयां मुहैया करवाने के लिए अस्पतालों में जैनरिक मैडीसन स्टोर व अमृत आऊटलैट्स खोले हुए हैं। वहीं अस्पताल में मौजूद प्राइवेट कैमिस्ट की दुकानें पी.जी.आई. के नाम पर ही मरीजों को अपनी तरफ खींच रही हैं।
पी.जी.आई. न्यू ओ.पी.डी. में मौजूद कैमिस्ट शॉप ने अपनी दुकान पर मरीजों को आकर्षित करने के लिए पी.जी.आई. की दवाईयों की दुकान लिखा हुआ है। प्राइवेट दुकान वाले पी.जी.आई. के नाम पर कमाई बढ़ाने में जुटे हैं।
यही नहीं ओ.पी.डी. में कैमिस्ट शॉप ने प्रोमोशन के लिए बाकायदा कुछ कारिंदे तैनात किए हैं जो ओ.पी.डी. में आने वालो मरीजों को अपना कॉर्ड यह कहकर दे रहे हैं कि यह पी.जी.आई. की कैमिस्ट शॉप हैं, जहां से आपको सस्ते दाम में दवाईयां मिल जाएंगी। बोर्ड होने के कारण लोगों को भी लगता है कि ये दुकानें पी.जी.आई. की ही हैं।
जैनरिक स्टोर व अमृत आऊटलैट्स पर असर :
मरीजों को मानें तो खुद ओ.पी.डी. में सुबह से दोपहर तक ऐसे कई लोग आते हैं जो दवाई की दकानों का कार्ड देते हैं। पी.जी.आई. के नाम पर प्राइवेट कैमिस्ट तो व्यापार बढ़ा रहे हैं लेकिन इससे अस्पताल में मौजूद पी.जी.आई. की दुकानें प्रभावित हो रही हैं।
मरीजों जैनरिक अमृत स्टोर्स पर जाने के बजाय प्राइवेट कैमिस्ट का रुख कर रहे हैं। सूत्रों की माने खुद कई डाक्टर्स मरीजों को इन कैमिस्ट पर से ही दवाईयां लेने को कहते हैं।
जैनरिक मैडीसन नहीं हो रही प्रोमोट :
मरीजों को इन प्राइवेट दुकानों में 15 से 50 प्रतिशत डिस्काऊंट देने की बात कही जाती है लेकिन असल में इन दुकानों व बाहर की प्राइवेट दुकानों में दवाईयों के दाम में काफी अंतर पाया है।
वहीं अस्पताल में डाक्टर्स को प्रशासन की ओर से आदेश है कि वह मरीजों को जितना हो सके उतना जैनरिक मैडीसन ही लिखें। खुद पी.जी.आई. स्टाफ के मुताबिक ऑर्डर्स होने के बावजूद डाक्टर्स मरीजों को जैनरिक मैडीसन नहीं लिखते, जिस कारण उन्हें मंहगी दवाईयां लेने पड़ी रही है जबकि वह जैनरिक में काफी सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं।