Edited By bhavita joshi,Updated: 11 Jun, 2019 12:36 PM
शहर में एक ओर जहां स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए स्टूडैंट्स में मारामारी है, वहीं दूसरी ओर स्कूलों में डम्मी एडमिशन लेने वाले छात्रों की भी भरमार है।
चंडीगढ़(वैभव): शहर में एक ओर जहां स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए स्टूडैंट्स में मारामारी है, वहीं दूसरी ओर स्कूलों में डम्मी एडमिशन लेने वाले छात्रों की भी भरमार है। ये छात्र शहर और बाहर दोनों जगह से हैं। डम्मी एडमिशन लेकर यह छात्र न केवल दूसरे बच्चों का हक मार रहे हैं, बल्कि शिक्षा के कानून की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। स्कूल प्रशासन भी इस काम में पूरा सहयोग कर रहा है।
हाल ही में एन.ई.ई.टी. परीक्षा के परिणामों में भी बड़ी संख्या में छात्र ऐसे थे, जिन्होंनेे शहर के स्कूलों में डम्मी एडमिशन लिया था और वह बाहर प्राइवेट इंस्टीट्यूट में कोर्स करने जाते थे। हम यहां यह नहीं कह रहे हैं कि छात्रों को इंस्टीट्यूट में पढऩे नहीं जाना चाहिए। लेकिन स्कूलों में डम्मी एडमिशन लेने के बाद यह सब करना वह गलत है। डम्मी एडमिशन के लिए सबसे बड़े कसूरवार छात्रों के अभिभावक होते हैं जो सब कुछ जानते हुए भी अपने बच्चों को स्कूलों में डम्मी एडमिशन दिलवाते हैं। ऐसे अभिभावकों और स्कूलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
वर्षों से चल रहा है डम्मी एडमिशन का खेल
शहर के स्कूलों में डम्मी एडमिशन का घिनौना खेल वर्षों से ऐसे ही चलता आ रहा है। इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। यह सब कुछ स्कूल प्रशासन चंद रुपए लालच में करते हैं।
सरकारी स्कूल भी अछूते नहीं
बच्चों को डम्मी एडमिशन देने में शहर के प्राइवेट स्कूलों का कोई मुकाबला नहीं है। शहर के ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में इस तरह की एडमिशन की लंबी लिस्ट है। ऐसा नहीं है कि शहर के प्राइवेट स्कूलों में ही डम्मी एडमिशन दिए जाते हैं। शहर के सरकारी स्कूल भी इससे अछूते नहीं है। सरकारी स्कूलों में कई बच्चों को डम्मी एडमिशन दिया जाता है और वह बाहर इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेते हैं।
स्कूलों में डम्मी एडमिशन वाले छात्रों से ली जाती है फीस
नाम बताने की शर्त पर एक डम्मी एडमिशन लेने वाली छात्रा के पैरेंटस ने बताया कि डम्मी एडमिशन वाले स्टूडैंट्स से पूरे वर्ष भी फीस पहले ही ले ली जाती है। स्कूल प्रशासन ने उन्हें डम्मी एडमिशन देने से पहले साफ कह दिया था कि उनका बच्चा स्कूल आए या नहीं उन्हें पूरे वर्ष की फीस पहले ही देनी पड़ेगी। फीस देने के बाद स्कूल में डम्मी एडमिशन दिया गया और बच्ची ने बाहर से कोचिंग ली।