Edited By Priyanka rana,Updated: 27 Nov, 2019 08:54 AM
गांव नानकपुर में सरकारी डिस्पैंसरी की एक ए.एन.एम. ने एस.एम.ओ. के खिलाफ बदसलूकी की शिकायत दी है।
पिंजौर(रावत) : गांव नानकपुर में सरकारी डिस्पैंसरी की एक ए.एन.एम. ने एस.एम.ओ. के खिलाफ बदसलूकी की शिकायत दी है। पीड़िता ने बताया कि वह अक्सर छुट्टी होने के बाद उसे गलत नीयत से फोन किया करता था और कहता था कि 6 बजे के बाद मेरे घर पर आओ जब शुक्रवार को एस.एम.ओ. सुखराज ने उसे फोन किया और कहा कि 10 मिनट में मेरे घर आइए।
तब वह अपने भाई को साथ लेकर उसके घर पहुंची तो एस.एम.ओ. ने चिल्लाकर कहा, ‘अपने भाई को घर छोड़कर आओ नहीं तो मैं उसको जान से मरवा दूंगा। एक महिला अकाऊंटैंट, आशा वर्कर व एक अन्य महिला कर्मचारी ने भी डॉ. सुखराज पर छेड़छाड़ और गंदी हरकतें करने का आरोप लगाया है। इससे गुस्साई सभी आशा वर्कर और ए.एन.एम. ने डॉक्टर सुखराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया अैर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई कि डॉ. सुखराज के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
कहता था- मैं औरतों को जूते की नोक पर रखता हूं :
दूसरी ओर नानकपुर अस्पताल में कार्यरत एक महिला ने बताया कि वह अक्सर बोलता था कि मैं औरतों को जूते की नोक पर रखता हूं। मेरे कॉलर पर आज तक भी कोई दाग नहीं है और अक्सर गंदी-गंदी हरकतें हर महिला से किया करता था।
जब तक डॉक्टर सुखराज अस्पताल से बाहर नहीं निकला। तब तक किसी भी महिला कर्मचारी व डॉक्टर ने काम नहीं किया। हंगामे की सूचना पाकर ए.सी.पी. कालका भी मौके पर पहुंचे। मढांवाला चौकी के ए.एस.आई. श्याम लाल ने बताया कि उन्होंने मौके पर पहुंचकर आशा वर्करों से शिकायत ली और मामले की जांच करके उचित कार्रवाई की जाएगी।
महिला अकाऊंटैंट को देता था नौकरी से निकालने की धमकी :
इससे पहले भी पंचकूला के सरकारी अस्पताल में डॉ. सुखराज के कई कारनामे सामने आए लेकिन वह बाज नहीं आया। वहीं, एक अकाऊंटैंट ने बताया कि उनके अंडर कालका की तीन सी.एच.सी. हैं। जब वह नानकपुर में आती थी तो डॉक्टर सुखराज उन्हें जबरदस्ती यहां रुकने के लिए बोलता था। गलत तरीके से काम करवाता था और हर बार उनके साथ छेडख़ानी करता था।
कई बार उनका हाथ पकडऩे की कोशिश की। यह हरकतें देखकर वह परेशान हो जाती थी। नौकरी से निकलवाने की धमकियां देता था इसीलिए वह किसी से यह बात नहीं करती थी लेकिन आज जब यह ए.एन.एम. का मामला उठा तो उनका भी गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने बताया कि उन्हें वह उन्हें फोन कर गंदी गालियां निकालता था और अपने कमरे में गलत नीयत से बुलाता था। इतना ही नहीं एक आशा वर्कर ने बताया कि जब भी मीटिंग होती थी तो वह अक्सर गलत लैंग्वेज में ही बात किया करता था। हर तरफ महिलाओं को गंदे-गंदे इशारे किया करता था।
दो महीने पहले ही सी.एम.ओ. को बता चुके थे :
आशा वर्करों का कहना है कि वह इस बारे में दो महीने पहले ही सी.एम.ओ. को बता चुके थे, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक तरफ तो सरकार महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है दूसरी तरफ भगवान का रूप कहे जाने वाले डॉक्टर ही महिलाओं के साथ ऐसी बदसलूकी करता है।